भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा के लिए बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर, जल संसाधन सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा उपस्थित थे। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र ही सिंधु जल समझौते पर
विचार करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने और उसके बाद जैश-ए-मोहम्मद द्वारा करवाए गए उरी हमले में 19 जवानों के मारे जाने से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जिसके बाद से ही भारत में लगातार यह मांग बढ़ रही है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए भारत सिंधु जल समझौते को तोड़ दे। इस समझौते के तहत छह नदियों व्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी को दोनों देशों के बीच बांटा गया था। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मीडिया से कहा था कि ऐसे किसी भी समझौते के लिए दो देशों के बीच भरोसा और संबंध अच्छे होने चाहिए।
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