
‘करकमल’ शब्द का अर्थ है कोमल हाथ, जो आशीर्वाद, स्नेह और करुणा का प्रतीक है। यह गुरु, संत या पूजनीय व्यक्ति के हाथों के लिए प्रयोग होता है, जो पवित्रता, दयालुता और सृजनशीलता का भाव दर्शाता है। यह शब्द श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है, जिसका प्रयोग प्राचीन साहित्य से लेकर आधुनिक लेखन तक में होता है। यह हाथ की कोमलता, पवित्रता और सौंदर्य का संगम है, जो भारतीय संस्कृति में कर्म और आशीर्वाद का प्रतीक है।