Engineer Rashid in Parliament: “हमारा ख़ून सस्ता नहीं है। हमें जीने दो, हमें जीने का हक़ है।” ये शब्द थे अब्दुल राशिद शेख (engineer rashid) के, जिन्होंने मंगलवार को लोकसभा (lok sabha) में शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखने की कोशिश की। सीट नंबर 335, लोकसभा की तीसरी आखिरी पंक्ति में बैठे बारामूला से निर्दलीय सांसद राशिद ने जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) में दो नागरिकों की हालिया मौतों की जाँच की माँग की, जो कथित तौर पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई का नतीजा थीं। गौरतलब है कि आतंकवादियों को फंडिंग देने के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किए गए राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछली बार वह जेल से बाहर तब आए थे जब उन्हें सितंबर 2024 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली थी।