फारूक अब्दुल्ला ने एक न्यूज चैनल को दिए एंटरव्यू में कहा है-हर कश्मीरी चाहता है कि कश्मीरी पंडित कश्मीर लौटें…. 1990 में जो हुआ वो साजिश थी…. कश्मीरी पंडितों को साजिश के तहत भगाया गया…. उस वक्त जो दिल्ली में बैठे थे, वो इसके लिए जिम्मेदार हैं… मेरा दिल आज भी उन भाइयों के लिए रो रहा है….कश्मीर फाइल्स पर अब्दुब्ल्ला ने कहा- ये फिल्म दिल जोड़ नहीं रही, तोड़ रही है… इस आग को हम बुझाएंगे नहीं तो ये सारे देश को शोले की तरह जला देगी… मैं वजीरे आजम से कहूंगा कि मेहरबानी करके ऐसी चीजें न करें, जिससे मुल्क में ऐसी सूरत बन जाए जैसी हिटलर के जमाने में जर्मनी की बनी थी।…कश्मीरियों का दिल जोड़े बगैर अमन मुश्किल है…