Kishtwar Cloudburst Eyewitnesses: स्थानीय लोगों के अनुसार, कई लोग जो अपनी गाड़ियां वहीं खड़ी करके आगे की यात्रा पर निकले थे, बादल फटने के समय उन्हें वापस लेने आए थे। गुलाबगढ़ और पद्दार के चिशोती गांव के बीच 10 किलोमीटर लंबी सड़क संकरी थी और रास्ते में नाले भी थे, इसलिए कई तीर्थयात्री अपनी गाड़ियां यहीं छोड़कर स्थानीय परिवहन से चिशोती जाना पसंद करते हैं। यह मंदिर तक पहुंचने का आखिरी रास्ता है।