लाल सागर, हिंद महासागर और अदन की खाड़ी में हूती के हमलों को रोकने और इज़रायल को सुरक्षा कवच देने के लिए अमेरिकी नौसेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. हूती के ऊपर हमला करना अमेरिका को बहुत भारी पड़ा है. दरअसल, खुद अमेरिका की एक पड़ताल में पता चला है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी सेना ने हूती के सामने सबसे भीषण समुद्री लड़ाई का सामना किया है. इस लड़ाई में अमेरिका के करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस जंग के दौरान फ्रेंडली फायर की घटना हुई. इस घटना में अमेरिका के क्रूज़र यूएसएस गेटिसबर्ग ने एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन के दो फाइटर जेट पर दो मिसाइलें दागी थीं. इस हमले में एक जेट समंदर में स्वाहा हो गया. साथ ही इस साल की शुरुआत में ट्रूमैन एक मर्चेंट जहाज से टकरा गया, जिसकी वजह से इस युद्धपोत पर तैनात अमेरिकी सेना के करोड़ों डॉलर के 2 लड़ाकू जेट्स को नुकसान हुआ.
