ऊर्दू शायरी और कविता के अज़ीम शहंशाह मिर्जा गालिब की एक हवेली है. जो पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान की क़ासिम जान गली में बसी हुई है. 1999 के बाद सरकार ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया और इसे गालिब के म्यूजियम में बदल दिया गया है.
ऊर्दू शायरी और कविता के अज़ीम शहंशाह मिर्जा गालिब की एक हवेली है. जो पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान की क़ासिम जान गली में बसी हुई है. 1999 के बाद सरकार ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया और इसे गालिब के म्यूजियम में बदल दिया गया है.
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