Kisan Andolan: “राष्ट्रीय राजधानी (delhi) में विरोध करना और आना और सुना जाना किसानों (farmers) का लोकतांत्रिक अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि चीन के साथ सीमा (delhi border) को उस तरह से मजबूत किया गया है जिस तरह से इस शहर को मजबूत किया गया है। सरकार (central government) को पिछले किसान आंदोलन (kisan andolan) से सबक लेना चाहिए था- हितधारकों से परामर्श करना चाहिए। पिछली बार सरकार को आत्मसमर्पण करने और पीछे हटने से पहले एक साल तक आंदोलन (kisan andolan) करना पड़ा था…” थरूर ने कहा। पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) (msp) पर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से दलहन, मक्का और कपास की फसल खरीदने के केंद्र (central government) के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसानों ने मार्च (delhi chalo march) की घोषणा की।