AIIMS Delhi की वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक Dr. Swati Kedia Gupta ने इस वीडियो में विस्तार से समझाया है कि कैसे एक ऊपर से हंसने वाला इंसान भी अंदर ही अंदर डिप्रेशन, चिंता या तनाव से जूझ रहा होता है। लोग सामने हंसते हैं मगर बंद कमरों में अकेले रोते हैं। वो कहती हैं कि ऐसे लोगों को पहचानना बेहद मुश्किल होता है और कुछ छोटे-छोटे पैर्टन होते हैं जिनके जरिए ऐसे लोगों की पहचान कर मदद की जा सकती है।
