Bihar Elections 2025 : बिहार के सुपौल ज़िले में प्रवासी मजदूरों को पंजाब, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों में कम वेतन (10,000-12,000 रुपये मासिक) पर काम करना पड़ता है, वो कहते हैं कि बिहार में कोई फैक्ट्री या रोजगार के अवसर नहीं हैं। दिनेश राम और रामरूप यादव, सुपौल जिले के भपियाही, वार्ड नंबर 8 के निवासी, अपनी व्यथा साझा करते हैं, वो बताते है कि कोसी नदी के बांध के कटाव ने उनके घर-द्वार छीन लिए, और वे बिना जमीन या पुनर्वास के जी रहे हैं।