करीब 4 महीने वर्जित शुभ कार्य कल यानी 8 नवंबर से शुरू हो जाएंगे, क्योंकि कल देव उठनी एकादशी है। और इसी के साथ शुरू हो जाएगा शादियों का सीजन। कुछ जगहों पर देव उठनी को देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है।
करीब 4 महीने वर्जित शुभ कार्य कल यानी 8 नवंबर से शुरू हो जाएंगे, क्योंकि कल देव उठनी एकादशी है। और इसी के साथ शुरू हो जाएगा शादियों का सीजन। कुछ जगहों पर देव उठनी को देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है।
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हस्तरेखा शास्त्र में भाग्य रेखा का महत्व बताया गया है। गहरी, स्पष्ट और लंबी भाग्य रेखा वाले भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें कम मेहनत में सफलता मिलती है। जीवन रेखा से शुरू होने वाली भाग्य रेखा मेहनत और धन-संपत्ति का प्रतीक है। मस्तिष्क रेखा से शुरू होने वाली भाग्य रेखा 35 साल की उम्र के बाद किस्मत चमकाती है। भाग्य रेखा का रुकना गलत निर्णयों का संकेत हो सकता है।