उद्धव ठाकरे को शिवसेना जैसी आक्रामक कैडर वाली पार्टी का नेतृत्व करने के लिए बहुत कम चौकस,हल्के मिजाज का नेता समझा जाता रहा।उन्हें पिता बाला साहेब ठाकरे के मुकाबले कमजोर नेता माना गया।इसके बावजूद कांग्रेस व एनसीपी उन्हें सीएम बनाने के लिए राजी हो गईं।