यादव मतदाताओं के दबदबे वाले इटावा-मैनपुरी इलाके में विधानसभा की 28 सीटें आती हैं…ऐसे में इस क्षेत्र को अगर सपा का गढ़ मान लिया जाए तो गलत नहीं होगा…मगर 2017 के चुनावों जो कुछ भी हुआ, वो सपा के इतिहास में किसी बुरे सपने से कम नहीं है। 2012 के 26 सीटों से सिमट कर समाजवादियों के खाते में सिर्फ 6 सीटें आईँ। जो कि इस इलाके में समाजवादी पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है..
