बीमारियां अक्सर बिना बताए ही आती हैं। ऐसे में किसी बड़ी बीमारी के कारण हम शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इसलिए ऐसी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने में हेल्थ इंश्योरेंस काफी कारगर साबित होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति को अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराना चाहिए।
हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप अपनी और अपने परिवार की आर्थिक रूप से सुरक्षा के साथ ही मेडिकल खर्च के लिए तैयार रह सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस फाइनेंशिलय प्लानिंग की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि एक बड़ी बीमारी आपके पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग को बिगाड़ सकती है। ऐसे में हेल्थ पॉलिसी लेते समय कई महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखना जरूरी है।
पॉलिसी लेते समय आप व्यक्तिगत रूप से पॉलिसी लेने के स्थान पर फैमिली हेल्थ पॉलिसी ले सकते हैं। फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस का फ्लोटर प्लान आपकी जरूरत के हिसाब से अच्छा कवरेज उपलब्ध कराता है। यह व्यक्तिगत प्लान के मुकाबले सस्ता भी पड़ता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यदि आप 50 साल से अधिक के माता-पिता हैं तो उनके लिए अलग से हेल्थ प्लान लेना बेहतर रहेगा।
हेल्थ पॉलिसी लेते समय अश्योरड राशि के बारे में पूरी तरह से जानकारी प्राप्त कर लें। आज के समय में महंगे इलाज को देखते हुए यह बहुत जरूरी हो जाता है। यदि पॉलिसी की अवधि के बीच में परिवार का सदस्य बढ़ता है तो उसे तुरंत पॉलिसी में एड करें। इसके लिए पॉलिसी के रिन्यू होने का इंतजार न करें।
इसके साथ ही बाजार में अलग-अलग तरह के प्लान वाली पॉलिसी मौजूद हैं। ऐसे में पूरे फीचर की जानकारी हासिल करने के बाद ही पॉलिसी लेने का निर्णय करें। पॉलिसी लेते समय अपने मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी देना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि बाद में कंपनी को पता लगता है कि आपने इंश्योरेंस कंपनी से अपनी बीमारी की बात छुपाई है तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है। हेल्थ पॉलिसी लेते समय प्रीमियम के आधार पर फैसला न करें। प्रीमियम के साथ उसके साथ मिलने वाली फीचर को भी जरूर देखें। यदि थोड़ा अधिक प्रीमियम देने के बाद अच्छा कवर मिलता है तो प्रीमियम की राशि को अधिक तव्वजों न दें।