PPF Account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने वाले सैकड़ों लोगों में कई बातों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। ऐसे कई सवाल हैं जिनके बारे में निवेशकों को ज्यादा जानकरी नहीं होती। जानकारी के अभाव में उन्हें नुकसान तक उठाना पड़ जाता है। पीपीएफ अकाउंट 15 साल के टाइम पीरियड के बाद मैच्योर हो जाता है। निवेशकों के मन में यह सवाल होता है कि क्या अकाउंट मैच्योर हो जाने के बाद भी निवेश किया जा सकता है। अगर निवेश किया जाता है तो कैसे। निवेश करने पर ब्याज मिलता है या नहीं। इसके अलावा निवेशकों को मन में यह भी सवाल भी रहता है कि क्या पीपीएफ के मैच्योर अकाउंट में टैक्स छूट मिलती है।
आज हम आपको इन्हीं कुछ सवालों के जवाब देंगे। पीपीएफ जैसी पॉपुलर निवेश स्कीम में में 15 साल के मैच्योर लॉक इन पीरियड के समापन के बाद भी निवेश किया जा सकता है। इसे पांच और इससे ज्यादा सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आप मेच्योरिटी के बाद पांच साल के लिए पीपीएफ अकाउंट को जारी रखते का निर्णय लेते हैं तब आपके लिए फॉर्म एच भरना जरूरी होता है। ध्यान रहे कि यह फॉर्म मेच्योरिटी के एक साल के भीतर भरा जाना चाहिए।
पीपीएफ का फॉर्म एच का सादा एक पेज का फॉर्म होता है जिसे बैंकों की वेबसाइट या इंडिया पोस्ट डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म डाउनलोड करने के बाद खाताधारक के लिए जरूरी है कि वो इसे भरकर पोस्ट ऑफिस या उस बैंक में जमा कर दे जहां उक्त व्यक्ति का खाता है।
वहीं अगर आप फॉर्म एच भरे बिना खाते में 1 साल से ज्यादा समय तक निवेश जारी रखेंगे तो आपका नया निवेश अनियमित माना जाएगा जिसका मतलब यह होगा कि आपको जमा रकम पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा इस अकाउंट में रकम जमा कराने पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत कोई लाभ भी नहीं मिलेगा।
अगर आप इन फायदों से वंछित रहते हैं तो इसकी सिर्फ एक ही वजह आपका फॉर्म एच भरकर आवेदन न करना। अगर आप फॉर्म भर कर अपने अकाउंट में निवेश को आगे भी जारी रखने की जानकारी देते हैं तो आपको निवेश पर ब्याज के साथ-साथ टैक्स छूट भी दी जाएगी।