स्कूली बच्चों से जुड़े शोध में एक अहम जानकारी सामने आई है। इसमें पता चला है कि पीठ वाले बैग से बच्चों के लिए ट्रॉली बैग कहीं ज्यादा बेहतर हैं। इससे उनका मूवमेंट और बॉडी पोस्चर बना रहता है। शोध से यह भी पता चला है कि बच्चों को अपने वजन के बीस फीसदी से ज्यादा भार अपनी पीठ पर नहीं उठाना चाहिए। इससे उनके शरीर के मूवमेंट में बाधा पैदा होती है।

एप्लाइड एर्गोनॉमिक्स पत्रिका में प्रकाशित इस शोध के लिए ग्रेनेडा विश्वविद्यालय और लिवरपूल जॉन मूरेस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने स्पेन के 49 प्राथमिक स्कूल विद्यार्थियों का आकलन किया। इसमें बच्चों के कीनेमेटीक्स (विज्ञान सम्बन्धी) का उस वक्त विश्लेषण किया गया जब वो फ्री होकर चले और इस दौरान उनकी पीठ पर कोई भार नहीं था। शोध में बताया कि गया स्कूली बच्चों के लिए बैग के मुकाबले ट्रॉली बैग कहीं ज्यादा बेहतर हैं।

शोध में बताया गया कि स्पेन में चालीस फीसदी से ज्यादा बच्चे ट्रॉली बैग का इस्तेमाल करते हैं। मगर अभी भी ज्यादातर पांरपरिक बैग ही लेकर स्कूल जाते हैं। बता दें कि शोधकर्ताओं ने इस अध्यन के लिए बच्चों के कुल भार का 10, 15, 20 फीसदी भार वाले ट्रॉली बैग और पारंपरिक बैग तैयार किए और उन्हें बच्चों को इस्तेमाल करने के लिए कहा।

शोध से पता चला है कि जो बच्चे पीठ वाले बैंग का इस्तेमाल कर रहे थे उनकी चाल, शरीर की गतिविधि ट्रॉली बैक का इस्तेमाल कर रहे बच्चों के मुकाबले अलग थी। शोध के मुताबिक बच्चों की कमर और घुटनों में पारंपरिक बस्तों का सबसे ज्यादा असर देखा गया। पीठ पर वजह की वजह से बच्चों के कूल्हे और सीने में दर्द की समस्याएं भी देखी गईं। इसके उलट जिन बच्चों ट्रॉली बैग इस्तेमाल किए वो ना सिर्फ आसानी से स्कूल जा पाए बल्कि उनकी शरीर की गतिविधियों पर भी ज्यादा असर नहीं देखने को मिला।