कार का गरम होना आमतौर पर सभी को अखरता है लेकिन कुछ उपाय हैं जिनसे काफी हद तक इससे निपटा जा सकता है। 1. कंबल का इस्तेमाल: यह बात आपको अजीब लग सकती है लेकिन कारगर है। अगर किसी छायादार जगह पर कार पार्क करना मुमकिन नहीं हो पाता है तो कंबल आपके काम आ सकता है। करना यह है कि जब भी कार पार्क करें तो कंबल से सीटों को ढक दें। इससे शीशों के जरिए आने वाली सूरज की गर्म किरणों का सामना सीधे कंबल से होगा। जब आप लौटकर आएंगे तो महसूस करेंगे कि सीटें उतनी गर्म नहीं हुईं जितनी सामान्यता हो जाती हैं। अब कंबल को लपेटकर सीट के नीचे या अपनी सुविधानुसार कहीं भी रख दीजिए। 2. एक और तरीका यह है कि आगे और पीछे वाले शीशे समेत सभी खिड़कियों पर सनशेड्स का इस्तेमाल करें। 3. कार की खिड़कियों को हल्का सा खुला छोड़ देने पर भी केबिन की गर्मी को कम किया जा सकता है। पूरी तरह शीशे बंद होने के कारण गर्मी अंदर बैठ जाती हैं, शीशे खुले होने पर वह बाहर निकलती रहेगी। जब आप वापस आएं तो सीधे एसी न चलाकर एक या दो मिनट के लिए पूरे शीशे खोल दें ताकि कार के अंदर की सारी गर्मी पहले बाहर निकल जाएं।

4. कार चलाते समय उपाय: सुरक्षा की दृष्टि से कार चलाते वक्त विंडो शेड्स इस्तेमाल करना ठीक नहीं होगा, इसके बजाय मोटर वाहन अधिनियम के तय मानकों के अनुसार आप कार के शीशों को रंगवा सकते हैं। मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक सामने और पीछे के शीशों के जरिये 70 फीसदी दृश्यता होना अनिवार्य है और खिड़कियों के लिए यह मानक 50 फीसदी है। इसका मतलब है कि कार के शीशों पर अगर फिल्म लगवानी है तो इसी मानक के अंतर्गत लगवाएं।

5. कार का कूलेंट लेवल चेक करते रहें। इमरजेंसी के लिए कूलेंट की एक अतिरिक्त बोतल रखना समझदारी भरा होगा। 6. इंजन के अलावा टायर भी गर्मी पकड़ते हैं, इसके लिए तरीका यही है कि उनकी हवा का प्रेशर लेवल चेक करवाते रहें। अगर टायरों में हवा कम होती है तो वे ज्यादा एरिया घेरते हैं और ज्यादा घर्षण के कारण वे गर्म हो जाते हैं। याद रहे कि टायरों में PSI (हवा के दवाब को मापने की इकाई) के अनुसार हवा भराएं।