बैंकिंग फ्रॉड पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 1 जनवरी से चेक को लेकर नए नियम लागू कर रहा है। आरबीआई ‘पॉजिटिव पे सिस्टम’ के तहत ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड से बचाने के लिए सख्त नियम लाई है। इस सिस्टम के तहत अब ग्राहकों के साथ-साथ बैंकों को भी कई बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाएगा।

आरबीआई के इस सिस्टम के तहत अब 50 हजार या इससे ज्यादा की रकम के चेक पर दी गई जानकारियों को दोबारा कन्फर्म करवाना होगा। हालांकि यह खाताधारक पर निर्भर करेगा कि वो ऐसा करता है या नहीं। हालांकि संभव है कि बैंक 5 लाख रुपये से ज्यादा के चेक पर इसे अनिवार्य कर दें। नए सिस्टम के तहत ग्राहक मोबाइल एप्लीकेशन, एटीएम और एसएमएस जैसे माध्यमों से चेक लिखने का ब्योरा शेयर करेंगे।

यानी नई व्यवस्था के तहत चेक जारी करने वाले को अब उस चेक का न्यूनतम विवरण, जैसे लाभार्थी का नाम, आदाता, देय राशि बैंक को राशि, इलेक्ट्रॉनिक रूप से एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या माध्यम से साझा करनी होगी।

वहीं ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म के तहत को लाभार्थी को देने से पहले ग्राहक को चेक का विवरण, चेक के सामने और रिवर्स साइड की फोटो बैंक के साथ साझा करनी होगी। इसके बाद जब लाभार्थी (जिसके नाम पर चेक जारी किया गया हो) बैंक में चेक क्लियर करवाने पहुंचेगा तो बैंक अधिकारी इस ‘पॉजिटिव पे’ फीचर के जरिए असली चेक और ग्राहक द्वारा भेजे गए चेक की फोटो का मिलान करेंगे।