हाल के दिनों में डीटीएच मार्केट में काफी उथल-पुथल रही है। कई केबल यूजर्स ने स्विच करते हुए डीटीएच का रुख किया है तो कई डीटीएच यूजर्स ने अपने सर्विस देने वालीं कंपनी बदली है। इसके पीछे कारण ऑफर्स, अच्छी सर्विस, डिस्काउंट जैसी चीजें रही हैं। हालांकि, नए ट्राई टैरिफ लागू होने के बाद डीटीएच उद्योग के पास केवल 54.26 मिलियन ग्राहकों बचे हैं और डीटीएच उद्योग ने अपने 25% ग्राहक खो दिए हैं। इसके चलते बाजार में डीटीएच कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है। इस रस्साकशी के बीच टाटा स्काई अन्य डीटीएच कंपनियों से मुकाबले में काफी आगे निकल गया है। टाटा स्काई अपने अन्य प्रतिद्वंद्वी से आगे निकने के पीछे कारण क्या है।

उपभोक्ताओं के लिए अच्छी सर्विस: टाटा स्काई ने न सिर्फ अपने चैनलों की संख्या बढ़ाई बल्कि अपनी क्वालिटी सर्विस में भी विस्तार किया। टाटा स्काई ने वेबसाइट और सेल्फ केयर ऐप के जरिए ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाई और उपभाक्ताओं को अपने चैनल आसानी से चुनने की मदद मिली। इसके अलावा टो फ्री हेल्पलाइन नंबर और अन्य सेवाओं के चलते टाटा स्काई के ग्राहकों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। और टाटा स्काई डीटीएच कंपनियों की रेस में सबसे आगे निकल गया।

विभिन्न चैनल्स: जब ट्राई ने नए टैरिफ लागू किए थे उस समय अन्य सभी डीटीएच ऑपरेटरों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। टाटा स्काई ने उपभोक्ता के सवालों को जल्द निपटाया और मार्केट में कई नए चैनल पैक के साथ आया। इसमें कई भाषाओं के चैनल शामिल थे। इससे टाटा स्काई को आगे बढ़ने में मदद मिली और देश भर के गैर हिंदी ग्राहकों को भी नया विकल्प मिला जिससे टाटा स्काई यूजर्स की संख्या में इजाफा हुआ। कई केबल ऑपरेटरों ने भी टाटा स्काई का रुख किया।

वेब और मोबाइल ऐप पर लाइव टीवी: टाटा स्काई  डीटीएच के साथ-साथ अपने ग्राहकों के लिए लाइव टीवी सेवा अपने सेल्फ-केयर ऐप और अपनी वेबसाइट पर भी प्रदान करता है। टाटा स्काई के सब्सक्राइबर उन चैनलों तक पहुंच सकते हैं जो वे देखते हैं। टीवी, उनके ऐप्स पर भी। जिससे सब्सक्राइबर अपने पसंदीदा शो से चूकते नहीं है।