भारत में आमतौर पर सीलिंग फैन (पंखा) तीन ब्लेड के साथ आते हैं, जबकि अमेरिका-कनाडा और कुछ अन्य देशों में ये चार से पांच ब्लेड वाले इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसा इन्हें नई डिजाइन या अलग दिखाने के लिए नहीं किया जाता, बल्कि इसके पीछे अहम वजह होती है। अमेरिका या उससे ठंडे देशों में लोग पंखा, एसी के पूरक के तौर पर प्रयोग करते हैं। ऐसे में इनका मकसद कमरे में हवा देना होता है, न कि लोगों व कमरे को ठंडक प्रदान करना। चार ब्लेड वाले पंखे तीन ब्लेड वालों के मुकाबले धीमे चलते हैं और अधिक हवा फेंकते हैं।
वहीं, भारत में पंखा घर-घर में चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए लगाया जाता है। हल्का होने के साथ यह तीव्र गति से चलता है और एसी की तुलना में काफी बिजली भी बचाता है। पंखा अच्छी हवा तभी फेंकता है, जब वह हल्का हो और उसके ब्लेड्स कम हों। यही वजह है कि अपने यहां आमतौर पर तीन से अधिक ब्लेड वाले पंखे इस्तेमाल नहीं किए जाते।
तीन ब्लेड्स वाले पंखे से बिजली बिल की बचत होती है। कमरा अगर अधिक बड़ा नहीं है, तो ये चारों कोनों तक हवा पहुंचाते हैं। तीन ब्लेड होने के कारण पंखे के ब्लेड का संतुलन भी दुरुस्त रहता है। ऊपर से ये चार ब्लेड वाले पंखों के मुकाबले कम दाम में मिल जाते हैं।
पंखा लेते वक्त ये बात रखें ध्यानः पंखा खरीदने के दौरान उसके ब्लेड के एंगल का जरूर ध्यान रखें। कोशिश करें कि ब्लेड का एंगल 12 डिग्री से कम न हो। अगर ये कम होगा, तो सिर्फ और सिर्फ बिजली खाएगा। पंखा सिर्फ दिखने में बड़ा और बढ़िया लगेगा, मगर वह कमरे में सही से हवा नहीं फेंकेगा।
प्रयास रहे कि 12 डिग्री या उससे अधिक ब्लेड एंगल वाला पंखा आप खरीदें। 16 डिग्री वाला या उससे अधिक ब्लेड एंगल वाला पंखा तेज हवा के मामले बढ़िया होगा, मगर कुछ स्थितियों में वह आपके लिए मुश्किलें खड़ी करेगा। ऐसे में 12 से 14 डिग्री के बीच ब्लेड एंगल वाले पंखे को चुनें। एक्सपर्ट्स इन ब्लेड एंगल वाले पंखों को सबसे आदर्श पंखे मानते हैं।