What is White Label ATM: ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानि एटीएम आज हमारी जरूरत का एक अहम हिस्सा बन चुका है। हमें किसी भी वक्त कैश की जरूरत पड़ सकती है ऐसे में में हम किसी भी एटीएम में जाकर कैश की निकासी कर सकते हैं। भारत में तीन तरह के एटीएम ग्राहकों को मुहैया करवाए जाते हैं। इसमें बैंकों के अपने एटीएम, दूसरा ब्राउन लेबल एटीएम और तीसरा व्हाइट लेबल एटीएम (डबल्यूएलए) हैं। व्हाइट लेबल एटीएम को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ही जारी करती हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक ‘गैर-बैंकों द्वारा स्थापित, उनके स्वामित्व वाले एवं उनके द्वारा परिचालित किए जाने वाले एटीएम को व्हाइट लेबल एटीएम कहा जाता है। गैर-बैंक एटीएम परिचालक भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत आरबीआई द्वारा प्राधिकृत होते हैं।’
एक ग्राहक के लिए व्हाइट लेबल एटीएम का इस्तेमाल करना किसी अन्य बैंक के एटीएम के इस्तेमाल करने के समान ही होता है बस डबल्यूएलए में कैश जमा कराने की सुविधा नहीं होती है। डबल्यूएलए के जरिए खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों तक एटीएम की सुविधा मिलती है।
डबल्यूएलए में 5 से ज्यादा बार कैश निकालने के बाद आपको शुल्क चुकाना होता है जो एटीएम कार्ड जारी करने वाला बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है।
व्हाइट लेबल एटीएम में अन्य बैंकी तरह सारी सुविधाएं तो मिल जाती हैं पर इन एटीएम पर किसी बैंक का लेबल नहीं लगाया जाता। बहरहाल देश में एटीएम की कमी है ऐसे में आप व्हाइट लेबल एटीएम खोलना चाहते हैं तो इसके लिए फ्रैंचाइजी ले सकते हैं जिसके बदले में आप मोटी कमाई कर सकते हैं।