पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी कि पीपीएफ में निवेश कर करोड़पति बना जा सकता है। रकम जितने दिन तक निवेश में रहेगी, वह उतना बढ़ेगी। हालांकि, निवेशक द्वारा लगाई गई रकम कब एक करोड़ रुपए में तब्दील होगी? यह चीज महीने में इन्वेस्ट की जाने वाली रकम और उसके निवेश के समय (जब तक करना हो) पर निर्भर करती है। वैसे, एक साल कोई भी व्यक्ति सिर्फ 1.5 लाख रुपए ही पीपीएफ में जमा करा सकता है।
पीपीएफ, लॉन्ग टर्म कमिटमेंट है और इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। मतलब इन 15 साल तक निवेशक रकम निकाल नहीं सकता। ऐसे में एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पीपीएफ में लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए निवेश करना बेहतर होता है। मसलन रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा और शादी वैगरह के लिए।
अच्छी बात है कि 15 साल के लॉक-इन पीरियड के बाद निवेशक इसे आगे भी जारी रख सकता है। हालांकि, पीपीएफ में आगे होने वाला विस्तार अधिकतम पांच साल के लिए ही होगा। माने 15 साल के बाद पांच साल बढ़वाकर इसे 20 साल तक चलाया जा सकता है। फिर पांच साल और बढ़ाकर 25 साल का किया जा सकता है, जबकि इसी तरह पांच-पांच साल के ब्लॉक्स पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
इन तरीकों से हासिल किया जा सकता है करोड़पति बनने का लक्ष्यः
1- निवेश तब तक करना होगा, जब तक कॉरपस बढ़कर एक करोड़ न हो जाए। ऐसे में अगर आपने करियर की शुरुआत की है और पीपीएफ खाते में आप 1.5 लाख रुपए प्रति साल जमा कर रहे हैं, तब 24वें साल में आपका कॉरपस 1.08 करोड़ रुपए हो सकता है। हालांकि, यह तभी संभव है जब ब्याज दर पूरे समयकाल के दौरान आठ फीसदी हो। नीचे इस इलस्ट्रेशन चार्ट में समझें कि कैसे कोई 24 साल में करोड़पति बन सकता है। अगर यह दर कम होगी, तब लक्ष्य को निर्धारित वक्त में हासिल करने में थोड़ा और समय लग सकता है।
2- 15 साल तक निवेश करें और उसके बाद पीपीएफ के फंड्स को छोड़ दें। आपको इस दौरान ब्याज मिलता रहेगा और रकम धीमे-धीमे बढ़कर एक करोड़ हो जाएगी। आप प्रतिमाह 6,270 रुपए के निवेश के साथ इस प्लान (15 साल तक के लिए) की शुरुआत कर सकते हैं। यह फंड बढ़कर 21.87 लाख का हो जाएगा, जिसके बाद आपको निवेश नहीं करना पड़ेगा। आगे कॉरपस को अगले 20 साल के लिए पीपीएफ में ही छोड़ दें और एक करोड़ रुपए तक तब्दील होने का इंतजार करें।