PPF Rules: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ निवेश का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। पीपीएफ में निवेश पर लोगों को बेहतर रिटर्न भी मिलता है। लोग अपने बैंक और पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ खाता खुलवाते हैं। पीपीएफ को बेहतर मानने की एक सबसे बड़ी वजह है इसके साथ मिलने वाले टैक्स लाभ। यही है वजह है कि लोग इसमें निवेश करते हैं।
क्या आपका भी पीपीएफ खाता है और आप उसमें निवेश कर रहे हैं? क्या आपको पता है कि पीपीएफ पर 1 फीसदी की ब्याज दर से लोन सुविधा भी मिलती है। पीपीएफ के नियमों के मुताबिक कोई भी पीपीएफ खाताधारक अकाउंट खुलने के 3 से 6 वित्त वर्ष के भीतर लोन के लिए अप्लाई कर सकता है।
यानी लोन केवल खाते के तीन साल से लेकर के छह साल के बीच मिलेगा। हाल में सरकार ने पीपीएफ लोन पर ब्याज दर को घटा कर 2 फीसदी से 1 फीसदी कर दिया था। लोन लेने के बाद खाताधारक को 36 महीने से पहले ब्याज सहित लोन को चुकाना होता है।
अगर 36 महीने की अवधि के अंदर लोन का भुगतान नहीं किया गया है या सिर्फ आंशिक तौर पर उसका भुगतान हुआ है, तो बचे हुए लोन की राशि पर सालाना छह फीसदी की दर से ब्याज देना पड़ता है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि लोन लेने के बाद टैक्स में छूट की सुविधा खत्म हो जाती है।
बात करें लोन के अलावा अपनी जमा रकम की निकासी की तो नियमों के मुताबिक पीपीएफ खाते का 50 प्रतिशत 5 साल पूरे होने पर निकाला जा सकता है। वहीं पूरी रकम 15 साल की अवधि पूरी होने पर निकाली जा सकती है। यह सुविधा नाबालिगों के अकाउंट पर भी लागू होती है।