पेट्रोल, डीजल और सीएनजी…ये चीजें लोग रोज अपनी गाड़ी में भराते हैं। वे इनके जितनी रकम चुकाते हैं, जरूरी नहीं कि हर बार उन्हें उतना ही ईंधन मिले। पेट्रोल पंपों पर आए-दिन धोखे और धांधली की शिकायतें आती रहती हैं। थोड़ी सी सूझबूझ और सावधानी के जरिए इस प्रकार की चीजों से बचा जा सकता है। ऐसे में आप न सिर्फ धोखाधड़ी का शिकार होने से बचेंगे, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई भी बर्बाद होने से बचा पाएंगे।

पेट्रोल भराने के वक्त मीटर पर नजर रखें। गाड़ी से निकलकर फ्यूल टैंक के पास जाएंगे, तो बेहतर होगा। पंपकर्मी की हरकत पर भी आप इससे ध्यान दे सकेंगे।

पंप पर तेल भराने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें कि मीटर पर तब जीरो डिजिट थी। पंपकर्मी कई बार बातों में उलझाकर मीटर पर मांगे गए ईंधन की सही मात्रा नहीं सेट करते। हालांकि, डिजिटल मीटर में धोखाधड़ी और छेड़खानी की आशंका कम होती है।

वैसे कई पंप पर आज भी पुरानी मशीनें मिल जाएंगी। सबसे अधिक धोखाधड़ी की शिकायतें इन्हीं मशीनों वाले पंपों से आती हैं। लेकिन समय के साथ इन्हें बदला जा रहा है।

पंप पर फ्यूल टैंक मशीन का मीटर अगर तेज भागे, तो खेल हो सकता है। ऐसे में पंप के वरिष्ठ अधिकारी से इसकी शिकायत करें। साथ ही उससे मीटर की स्पीड सामान्य करने को भी कहें।

यह भी ध्यान रहे कि मीटर की रीडिंग तीन से ऊपर शुरू न हो। जानकार मानते हैं कि अगर रीडिंग तीन से अधिक अंक पर जाएगी, तो नुकसान भी उतना ही ज्यादा होगा।

इन बातों का जरूर रखें ख्यालः

पेट्रोल भराने के दौरान गाड़ी का इंजन बंद रखें। चालू इंजन रहने के वक्त एक छोटी सा स्पार्क (चिंगारी) भी पेट्रोल
टंकी तक पहुंच कर हादसे को न्यौता दे सकता है।

पेट्रोल पंप का वातारण अत्यंत ज्वलनशील होता है, लिहाजा सिगरेट-बीड़ी पीने वाले वहां ऐसा न करें। लाइटर साथ रखते हैं, तो थोड़ा सतर्क रहें।

मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल भी पंप पर करने से बचना चाहिए। कारण- फोन्स में रेडियो फ्रीक्वेंसी वाले ट्रांसमीटर (450 से 2700 एमएएच के बीच) होते हैं। उनकी पीक पावर वैल्यू की रेंज 0.1 से दो वॉट तक रहती है। ऐसे में गड़बड़ बैट्री होने से फोन के फटने की आशंका बनी रहती है।

पंप पर इसके अलावा न तो सिंथेटिक मटीरियल वाले कपड़े पहन कर जाएं, न ही उस तरह का कोई सामान साथ रखें।