केंद्र सरकार ने नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च कर दी है। आपकी पुरानी गाड़ियों पर इस पॉलिसी का सीधा असर होगा। केंद्र के मुताबिक वाहन मालिकों को गाड़ी स्क्रैप कराने पर कई फायदे मिलेंगे। इनमें रोड टैक्स से छूट के अलावा रजिस्ट्रेशन के लिए पैसा नहीं देना होगा। खास बात यह है कि इस पॉलिसी के तहत निजी वाहन 15 साल से
अनफिट होगा तो उसे स्क्रैप किया जा सकेगा। यानी कि आपका वाहन 15 साल पुरानी नहीं है लेकिन वह चलाने में अनफिट है, तब भी उसे स्क्रैप किया जा सकता है।
ऐसे में वाहन मालिकों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिरकार यह कैसे तय होगा कार स्क्रैप लायक है या नहीं? इसके लिए वाहन मालिकों को एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट करवाना होगा। वाहन मालिकों को ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर या रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फेसिलिटी पर अपनी कार को लेना जाना होगा।
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इसके बाद कार के इंजन, बॉडी और अन्य मेंटेनेंस की फुल चेकिंग होगी। जैसे टायर कितने घिस चुके हैं या सस्पेंशन किस हालात में है, गाड़ी का इंजन कितना प्रदूषण फैला रहा, गियरबॉक्स और ट्रांसमिशन आदि की जांच की जाएगी। इन मापदंडों में अगर गाड़ी फिट पाई जाती है तो उसे स्क्रैप के लिए नहीं भेजा जाएगा। अगर गाड़ी अनफिट पाई जाती है तो उसे स्क्रैप के लिए भेजा जाएगा।
सरकार का कहना है कि इस पॉलिसी के जरिए गाड़ियों को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की कमी भी दूर होगी। वायु प्रदूषण में कमी देखने को मिलेगी जिससे लोगों की सेहत में नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पडे़गा।