सौर ऊर्जा आम लोगों के लिए बिजली का विकल्प बनकर उभरी है। यह घर के बिजली बिल की अच्छी-खासी बचत करती है। ये बात सुनने में बहुत बढ़िया लगती हैं। सरकार भी इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देती है। मगर यह असल में क्या है? कैसे काम करता है? और आपके लिए कितना फायदेमंद है? यह जाने बगैर इसे लगवाना अक्लमंदी नहीं होगी। ऐसे में सोलर पैनल का घर पर सेटअप कराने से जानें इससे जुड़ी महीन बातें जाननी जरूरी होती। लेकिन उससे पहले जानें कि आखिर ये सोलर पैनल है क्या।
सोलर पैनल ऐसा उपकरण है, जो सूर्य की किरणों को सोंकता (अब्जॉर्ब करता है) है और फिर उसे बिजली या गर्मी में तब्दील कर देता है। यह ढेर सारे सोलर (फोटोवोल्टिक) सेलों का जोड़ होता है, जो कि बिजली पैदा करते हैं। ये सेल ग्रिड पैटर्न में सोलर पैनल में व्यवस्थित किए जाते हैं। अधिकतर पैनल क्रिस्टिलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स से बने होते हैं। अच्छी बात है कि ये बिजली बिल बचाने के साथ अधिक समय तक चलते हैं।
सोलर पैनल बेचने वाले मुकेश कुमार बताते हैं कि इन उपकरणों की उम्र लगभग 25 साल होती है। रख-रखाव का भी इनमें खास खर्च नहीं आता। हालांकि, 10 सालों में बैट्री को बदलना पड़ता है। एक किलोवॉट वाले पैनल से एक घर की सामान्य बिजली की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकती हैं। वहीं, एसी वाले घरों में दो किलोवॉट का पैनल लगवाना चाहिए।
बिजली बचाओ डॉट कॉम के अनुसार, भारतीय और विदेशी कंपनियों के पैनल में खासा फर्क नहीं होता। मगर कीमत के मामले में देसी वाले अधिक किफायती साबित होंगे, क्योंकि सरकार इन पर सब्सिडी और लोन जैसी सुविधाएं भी देती है।
अगर आपके यहां बिजली कम जाती है, तो आपके लिए ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी सिस्टम बढ़िया रहेगा। यह 50 से 70 हजार रुपए के बीच आपको मिलेंगे। अधिक बिजली कटौती वाले इलाकों में रहने वालों के लिए ऑफ ग्रिड सोलर पैनल अधिक फायदेमंद होगा, जिनमें बैट्रियां थोड़ी महंगी आती हैं। ये सेटअप कराने के लिए एक लाख रुपए तक खर्च हो जाते हैं।
सोलर पैनल खरीदने के लिए राज्य सरकार की रिन्यूबल एनर्जी डेवलेपमेंट अथॉरिटी से संपर्क किया जा सकता है। यहां लोन व सब्सिडी के लिए भी फॉर्म मिल जाता है, जबकि पैनल निजी डीलर्स के पास भी मिल जाएगा।
सोलर पैनल लगवाने से पूर्व अपने घर के बिजली उपकरणों की सूची बनाएं। सलाह-मशविरा कर उसके आधार पर तय कि आपको कौन सा सोलर पैनल लगवाना है। उससे भी जरूरी है कि आपके पास छत हो। आमतौर पर सोलर पैनल का सेटअप घरों में छत पर ही कराया जाता है। खुली छत होगी, तो पैनल को अच्छी धूप मिलेगी और वह उसी से चार्ज होगा।