केंद्रीय मंत्रीमंडल ने हाल में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2016 को मंजूरी देने के लिए हामी भरी है। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना है। मौजूदा कानून में कई ऐसी बातें हैं जिन पर अमल नहीं किया तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। 1. प्राइवेट गाड़ी को सवारी गाड़ी के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। अगर आपकी गाड़ी प्राइवेट यानी निजी गाड़ी के तौर पर रजिस्टर्ड है और उसे आप कॉमर्शियल कारणों से इस्तेमाल करते हुए पाए जाते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पहली बार में 2000 रुपये से 5000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या तीन महीने की कैद हो सकती है या फिर दोनों हो सकते हैं। फिर से अपराध करने पर 5000 रुपये से 10000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है या एक साल की कैद हो सकती है या फिर दोनों हो सकते हैं। 2. इलीगल मोडीफिकेशंस: वाहन को अगर मोडीफाई कराना चाहते हैं तो इसकी सही जानकारी लाइसेंस जारी करने वाली अथॉरिटी को पहले देनी होगी और परमिशन मिलने पर ही मोडिफेकशन करा सकते हैं।

अगर लाइसेंसिंग अथॉरिटी को जानकारी दिए बिना वाहन में किसी तरह का मोडिफिकेशन कराते हैं तो पहली बार में एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा और अगर दोबारा ऐसा करते हैं तो दो हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। 3. असुरक्षित परिस्थितियों में वाहन चलाना: खटारा वाहन चलाना, उससे तेज आवाज आना, वाहन से वायु प्रदूषण होना, यह सब आपका सामना कानूनी कार्रवाई से करा सकता है। ऐसा करते हुए पहली दफा पकड़े जाने पर एक हजार रुपये जुर्माना का लगेगा और अगर दूसरी बार पकड़े जाते हैं तो दो हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। ध्यान रहें कि वाहन में तेज संगीत बजाने के लिए भी कानूनी प्रावधान है।

4. यातायात बाधित करना: मोटर वाहन अधिनियम 1988 के सब सेक्शन 201 के मुताबिक अगर आप यातायात बाधित करते हैं तो 50 रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से जुर्माना लगेगा। कानून कहता है कि सड़क पर अगर आपका वाहन खराब हो गया है और उसे आप किनारे लगा देते हैं लेकिन वह यातायात को बाधित करने कारण बनता है तो 50 रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा। 5. कुछ ही दिनों में यह नियम लागू हो जाएगा कि बिना ISI मार्क वाले हेलमेट पर पहनकर नहीं चल सकेंगे। इंपोर्टेड हेलमेट पर भी बैन लगेगा।