हाल ही में सरकार ने यातायात नियमों के उल्लंघन और वाहन के जरुरी दस्तावेज नहीं साथ रखने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। बता दें कि मोटर इंश्योरेंस ना होने पर आपको 2000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। कई लोग इस भारी जुर्माने की आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन बता दें कि सरकार भारी जुर्माना लगाकर एक तरह से आपको दिवालिया होने से भी बचा रही है। दरअसल यदि आपने मोटर इंश्योरेंस नहीं कराया है तो किसी दुर्घटना की स्थिति में आप इससे दिवालिया भी हो सकते हैं।
दरअसल ऐसा नियम है कि यदि किसी वाहन से दुर्घटना हो जाती है और पीड़ित की इस हादसे में मौत हो जाती है। यदि पीड़ित के परिजन या करीबी रिश्तेदार मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में मुआवजे की अपील करते हैं तो जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी रजिस्टर्ड है, उसे तय मुआवजे की रकम देनी पड़ सकती है। मुआवजे की रकम द ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दी जाएगी, जिसे द ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा वाहन मालिक से वसूला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह मुआवजे की रकम करोड़ों में हो सकती है। ट्रिब्यूनल पीड़ित की मौत से परिवार को हुए आर्थिक नुकसान की गणना के आधार पर मुआवजे की राशि तय करती है। ऐसे में यदि पीड़ित की आर्थिक हैसियत ऊंची है तो मुआवजे की राशि बहुत ज्यादा हो सकती है और ऐसे में वाहन मालिक मुआवजे के भुगतान से दिवालिया भी हो सकता है।
बता दें कि यदि वाहन चालक के पास मोटर इंश्योरेंस है तो भी उसे दावे की रकम का भुगतान करना होगा, लेकिन इंश्योरेंस होने से वह पीड़ित की आर्थिक हैसियत के हिसाब से गणना की गई ऊंची मुआवजे की रकम देने से बच जाएगा।
मोटर इंश्योरेंस मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं एक खुद के नुकसान की भरपाई वाले और दूसरे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस। खुद के नुकसान की भरपाई का कवर वैकल्पिक होता है, वहीं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किसी दुर्घटना में मुआवजे की रकम कवर करने से संबंधित होता है। इस तरह कह सकते हैं कि यदि आपने अभी तक मोटर इंश्योरेंस नहीं कराया है तो ये गलती आपको करोड़ों रुपए की पड़ सकती है।