केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु कम करने संबंधी खबरों का सरकार के सूत्रों ने खंडन किया है। इससे पहले मीडिया में सूत्रों के हवाले से ख़बर छपी थी कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृति की आयु कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है और यह 1 अप्रैल 2020 को लागू होगी। लेकिन, इस खबर को अफवाह और पूरी तरह निराधार बताया है। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

इससे पहले मीडिया में खबरें प्रकाशित हुईं कि सरकार उन कर्मचारियों को रिटायर करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है, जो 33वर्ष तक अपनी सेवा दे चुके हैं या जिनकी उम्र 60 साल (जो पहले से है) हो चुकी है। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यह सुझाव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने दिया है। गौरतलब है कि वर्तमान में अधिकांश सेवाओं में सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है, हालांकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और केंद्र सरकार के अधीन डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 वर्ष है।

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मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है तो इससे कुछ हद तक बेरोजगारी की समस्या को दूर की जा सकती है। यदि योजना को हरी झंडी मिलती है तो इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और सभी केंद्रीय सेवाओं को शामिल किया जाएगा। इस बीच, सरकार ने जनशक्ति नियोजन और नीतियों को कारगर बनाने के लिए सभी मंत्रालयों को 30 सितंबर तक विभिन्न विभागों में कैडर-वाइज और ग्रेड-वाइज पदों की कुल सूची, कुल शक्ति और रिक्तियों को पेश करने के लिए कहा है।

DoPT ने अधिकारियों से प्राप्त शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी भी मांगी है। सभी ग्रेडों के बीच स्वीकृत पदों की कुल संख्या 1 मार्च, 2018 तक 38 लाख से अधिक थी। उनमें से 33.47 लाख पद ग्रेड सी के हैं। कुल 38 लाख पदों में से लगभग 31.18 लाख पदों पर काबिज हैं। 1998 में केंद्र सरकार के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया गया था। कई राज्य सरकारों ने सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है।