आम बजट की तैयारी चल रही है। आगामी 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे संसद में पेश करने वाली हैं। बजट से पहले ही मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस के लिए पहले ही आधिकारिक तौर पर नोटिफाई कर दिया गया है। इसके साथ ही इस बात का भी ऐलान कर दिया है कि 1 अप्रैल 2025 से नई पेंशन स्कीम की सुविधा प्रदान की जाएगी। यूपीएस लागू होने के बाद सरकार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन करेगी।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा केंद्र सरकार ने बीते साल अगस्त में ही कर दी थी। इस दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के बीच समायोजन बनाते हुए यूपीएस लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाएगी। ये पेंशन उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मददगार रहेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार NPS के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार ने बीते शनिवार 25 जनवरी 2025 को इसको नोटिफाई किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्र सरकार के कर्मचारी या तो एनसीएस के तहत यूपीएस का ऑप्शन चुनते हैं या फिर यूपीएस विकल्प के बिना ही एनपीएस को जारी रखते हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि यूपीएस का ऑप्शन चुनने वाले किसी भी कर्मचारी को किसी अन्य पॉलिसी या फाइनेंशियल बेनिफिट का लाभ नहीं ले सकते।
केंद्र सरकार द्वारा लागू होने वाली इस योजना के बाद जहां कर्मचारियों को राहत मिलने वाली है वहीं केंद्र सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ने वाला है। बीते 24 अगस्त 2024 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यूपीएस का ऐलान किया था। उस दौरान उन्होंने बताया था कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी का 10 परसेंट कंट्रीब्यूशन करना होता है जबकि सरकारी कंट्रीब्यूशन के तहत 14 फीसदी होता है।
वहीं 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले यूपीएस लागू होने के बाद सरकार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी सरकार को कंट्रीब्यूशन करना होगा। इस हिसाब से देखे तो सरकारी खजाने पर हर साल करीब 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पडे़गा।