केंद्र सरकार ने ईपीएफ खाताधारकों को बड़ा तोहफा दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए PF खाते के ब्याज दर में वृद्धि की है। ईपीएफओ ने 0.5 फ़ीसदी ब्याज दर की वृद्धि की है। पहले पीएफ खाते के लिए ब्याज दर 8.10 फीसदी था, जो अब बढ़कर 8.15 फीसदी हो गया है।
8.15 फीसदी हुआ ब्याज दर
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार बोर्ड ने इसी साल मार्च में ब्याज दर को 8.15 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था। CBT की सिफारिश के बाद ब्याज दर को वित्त मंत्रालय नोटिफाई करता है और इसके बाद EPFO मेंबर्स के खाते में इसे जमा किया जाता है। ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अधिसूचित की जाती है। कई महीनों से ग्राहक FY23 की अधिसूचना का इंतजार कर रहे थे।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ ने पीएफ के लिए ब्याज दर 8.10 फीसदी निर्धारित की थी। बता दें कि यह पिछले 40 साल की सबसे कम ब्याज दर थी 1977-78 में EPFO ने 8 फीसदी की ब्याज दर तय की थी और इसके बाद से लगातार यह 8.25 फीसदी या उससे अधिक रही। वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 फीसदी ब्याज दर थी। 2017-18 में यह 8.55 फीसदी थी और 2016-17 में यह 8.65 फीसदी थी। जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी ब्याज मिलता था।
EPFO में 2023 में शामिल हुए 16 लाख सदस्य
20 जुलाई 2023 को जारी ईपीएफओ के पेरोल डेटा से पता चलता है कि ईपीएफओ ने मई 2023 के महीने में कुल 16.30 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। इस डेटा से यह भी पता चलता है कि 3,673 प्रतिष्ठानों ने इस महीने के दौरान अपना पहला ईसीआर भेजकर अपने कर्मचारियों को ईपीएफओ द्वारा सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान किया है।
नए शामिल हुए सदस्यों में, 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के सदस्य जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 56.42 प्रतिशत हैं। यह युवाओं के बीच रोजगार के बढ़ते रुझान का संकेत है, जो ज्यादातर पहली बार नौकरी चाहने वाले देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।