एलपीजी सिलिंडर का इस्तेमाल करते वक्त काफी सावधानियां बरतने की जरुरत होती है। अक्सर देखने को मिलता है जब लोगों की लापरवाही के चलते बड़े हादसे हो जाते हैं। कई मामलों में तो लोगों की मौत तक हो जाती है। एलपीजी सिलिंडर के जरिए होने वाले ज्यादात्तर हादसों में उपभोक्ताओं की कम जानकारी ही हादसे की वजह बनती है।
एलपीजी गैस की गंध आने पर लोगों को कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। उपभोक्ताओं सुनिश्चित करना चाहिए कि बर्नर नॉब्स बंद की स्थिति में हैं। इसके साथ ही सभी तरह की आग और जलने वाली चीज बुझाए। माचिस की तीली ना जलाएं।
‘बंद’ करने की स्थिति में प्रेशर रेग्युलेटर नॉब को घडी के घुमाव की ओर घुमाकर बंद कर दें। गैस की गंध आने पर सभी दरवाजे और खिड़कियां खुली रखे। अगर गैस की गंध बनी रहती है; तो अपने गैस वितरक या आपातकालीन सेवा में फोन करें।
बिजली के स्विच शुरु ना करे, रेग्युलेटर को निकालकर अलग करें। अक्सर ऐसा होता है कि उपभोक्ताओं को 6 से 2 साल तक सिलिंडर बिना इस्तेमाल किए रखना पड़ जाता है। बच्चों को एलपीजी लगी जगह पर खेलने की अनुमति न दें।
अगर कोई उपभोक्ता लंबे समय तक सिलिंडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहता है तो ऐसे में सिलिंडर से रेगुलेटर निकालकर उसके ऊपर कैप की सील लगानी चाहिए। इसके साथ ही सिलिंडर को किसी सूखी जगह पर रखना चाहिए। मालूम हो कि एलपीजी सिलिंडर पर ग्राहक को बीमा कवर भी दिया जाता है। यह बीमा कवर 50 लाख रुपये तक होता है जिसे संबंधित गैस कंपनी ही देती है।