राशन कार्ड एक अहम सरकारी दस्तावेज में से एक है। इसके जरिए सरकार द्वारा दिए जाने वाला सब्सिडी वाला अनाज लिया जा सकता है। बाजार रेट से बेहद सस्ती दर पर राशनकार्डधारकों को इसके जरिए अपने-अपने कोटे का अनाज मिलता है। राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी के तहत अनाज उपलब्ध कराते हैं।

राशन कार्ड बन जाने के बाद मिलने वाले फायदे इतने सारे हैं इसलिए हर कोई चाहता है कि उसका भी राशन कार्ड बन जाए। ऐसे में लोग गलत दस्तावेज देकर राशन कार्ड बनवा लेते हैं। ऐसा करना गैर कानून है। फर्जी दस्तावेज देकर राशन कार्ड बनवाने और फिर राशन लेने पर सख्त सजा का प्रावधान है। भारत सरकार के फूड सिक्योरिरटी एक्ट के तहत अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनाते हैं तो आपको पांच साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है।

ऐसे में इस तरह के राशन कार्ड जानें और अनजानें में बनवाने से बचें। क्योंकि राशन कार्ड की दुकान पर भी असली और नकली राशन कार्ड की पहचान आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा सरकारी जांच में भी आपके फर्जी दस्तावेज वाला राशन कार्ड स्कैन किया जा सकता है। समय-समय पर स्कैनिंग कर लाखों राशन कार्ड को रद्द कर किया जाता रहा है।

राशन कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आपको अपने-अपने राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर विजीट करना होगा। अलग-अलग राज्यों के अपने-अपने पोर्टल हैं। ऐसे में आपको इन पोर्टल से राशन कार्ड आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करना होगा।

फॉर्म को अच्छी तरह से भरकर नजदीकी राशन डीलर या फूड सप्लाई ऑफिस के पास जमा करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र से हैं तो फॉर्म को तहसील कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इसके बाद 15 दिनों के भीतर आपका राशन कार्ड आपके एड्रेस पर डिलीवर कर दिया जाएगा।