यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर सराहनीय कदम उठाया है। रविवार (1 जुलाई) से यूआईडीएआई ने नो योर कस्टमर (केवाईसी) फॉर्मैलिटी के लिए वर्चुअल आईडी लागू कर दी। इस व्यवस्था के तहत केवाईसी के लिए अगर कोई आधार कार्ड की संख्या नहीं बताना चाहता, तो वह उसके बजाय 16 अंकों वाले नंबर जेनरेट कर ये काम निपटा सकेगा। यानी टेलीकॉम कंपनियों और अन्य सेवा प्रदाताओं को आधार कार्ड की संख्या दिए बगैर ही वे ई-केवाईसी पूरी करा सकेंगे।
बैकों में भी होगा कामः लॉन्च हुई यह व्यवस्था फिलहाल शुरुआती चरण में है, जिसका मकसद आपकी निजी जानकारी की सुरक्षा करना है। 31 अगस्त के बाद यह सुचारू ढंग से काम करने लगेगी, जिसके अंतर्गत वर्चुअल आईडी बैंकों और अन्य सेवा प्रदाताओं के यहां भी इस्तेमाल में लाई जाएगी।
कैसे आधार हुआ सेफ?: वर्चुअल आईडी साझा करने के बाद सेवा प्रदाता को आधार नंबर की जगह पर अब से यूआईडी टोकन मिलेगा। यूआईडीएआई ने इसके अलावा सेवा प्रदाता को न्यूनतम जानकारी मुहैया कराने का आदेश दिया है। आधार के ऑथेंटिकेशन के समय सिर्फ वीआईडी दी जा सकती है, लिहाजा यह पहले के मुकाबले अधिक सुरक्षित होगा।
…तो यह है वर्चुअल आईडीः 16 अंकों वाली अस्थाई संख्या है, जिसे रिकवर किया जा सकेगा। केवाईसी निपटाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। यूआईडीएआई की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए इसे जेनरेट किया जाएगा। वेबसाइट पर आधार संख्या और ओटीपी भर कर वीआईडी हासिल की जा सकेगी। दिन में एक बार वीआईडी जेनरेट हो सकेगी, जिसका कोई एक्सपायरी पीरियड नहीं होगा।
यह सुविधा भी होगी: यूआईडीएआई ने वीआईडी के साथ फेस रिकगनिशन का भी ऐलान किया है, जो अगस्त से शुरू होगा। हालांकि, वीआईडी व्यवस्था के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही यूआईडीएआई ने उन सेवा प्रदाताओं को समय देने पर रजामंदी जताई, जो अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं। बैंकों को इसे लागू करने के लिए 31 अगस्त का वक्त दिया गया है।