Delhi Riots: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सीएए विरोधी हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। हालांकि अब हालात शांतिपूर्ण बताए जा रहे हैं। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए साम्प्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। हिंसा में संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया। बताया जा रहा है कि हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई।
अगर दंगे के दौरान आपकी गाड़ी या संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तो आप बीमा कवर पा सकत हैं। इंश्योरेंस कंपनिया अलग-अलग परिस्थितों में बीमा कवर देती हैं। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने वाहनों के इंश्योरेंस के लिए बीते साल नए नियम जारी किए थे। नियमों के मुताबिक अगर आपकी कार को बाढ़, दंगो या किसी प्राकृतिक आपदा से नुकसान पहुंचता है तो इंश्योरेंस कंपनी को इसका क्लेम भरना पड़ेगा। वहीं अगर कोई शख्स जानबूझकर अपनी कार को दंगों में प्रदर्शन के लिए ले जाता है तो उसे यह बीमा क्लेम नहीं दिया जाता। चारपहिया और दोपहिया वाहनों के लिए ओन डैमेज पॉलिसी के तहत बीमा कंपनियों पूरे पैकेज की पेशकश करती है। इसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ ही ओन डैमेज पॉलिसी के नुकसान को भी कवर किया जा सकता है।
इन प्राकृतिक आपदाओं में वाहन के नुकसान को बीमा कंपनियों द्वारा कवर किया जाता है:
– अग्नि, विस्फोट, आत्म-प्रज्वलन या बिजली
– भूकंप
– बाढ़, आंधी, तूफान, चक्रवात, ओलावृष्टि, ठंढ
– चोरी, हाउसब्रेकिंग
– भूस्खलन और पथराव
– दंगे और हड़ताल
– बाहरी लोगों द्वारा दुर्घटना
– आतंकी गतिविधि
प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, भारी वर्षा के आदि के मामले में बीमाधारक को तुरंत बीमा कंपनी को इस घटना और नुकसान के बारे में सूचित करना चाहिए। बीमा कंपनी क्षति का निरीक्षण करती है और मरम्मत की लागत का अनुमान लगाती है। बिजनेस टुडे से बातचीत में पॉलिसीबाजार.कॉम के सह-संस्थापक और निदेशक तरुण माथुर कहते हैं ‘बीमाकर्ता को सूचित किए बिना अगर आप अपनी कार की मरम्मत एक अप्रत्याशित घटना के बाद अपने दम पर करवा लेते हैं तो आपके क्लेक को खारिज किया जा सकता है। यह केवल इसलिए है क्योंकि कार की मरम्मत होने के बाद बीमाकर्ता क्षति का पता लगाने में सक्षम नहीं होगा।
वहीं बात करें दंगों के दौरान आपके घर या संपत्ति को हुए नुकसान की तो इसके लिए होम इंश्योरेंस पर बीमा कवर दिया जाता है। कंपनियों ने इसके लिए भी कुछ गाइडलाइन तय की है। मसलन बाढ़, भूकंप, चोरी, दंगा इत्यादि में आपको बीमार कवर दिया जाता है। अगर किसी शख्स ने अपने घर को सुरक्षित रखने के लिए होम इंश्योरेंस लिया है तो उसे दंगे में हुए नुकसान के बाद इसका फायदा मिलता है। होम इंश्योरेंस पॉलिसी के दो भाग होते हैं – बिल्डिंग का इंश्योरेंस और घर में मौजूद सामानों का इंश्योरेंस।
हर बीमा कंपनी का अपना समय होता है, जिसके बीच किसी को अपने नुकसान के बारे में सूचित करना होता है, जो आमतौर पर 7-15 दिनों के बीच होता है। लेकिन बीमा कवर के लिए किसी भी दायर करने से पहले एक एफआईआर दर्ज करनी होती है, जिसे बीमा कंपनी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।