हर कोई चाहता है कि मेहनत की मोटी और गाढ़ी कमाई के बदले बेहतर से बेहतर रिटर्न हासिल हो। कई लोग पैसों की बचत तो करना जानते हैं लेकिन उसे बेहतर रिटर्न के लिए सही जगह निवेश करना नहीं। ज्यादात्तर लोग बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश करना पसंद करते हैं।

अलग-अलग बैंकों में एफडी रेट 4.9 फीसदी से लेकर 5.35 तक हैं। अमूमन सरकारी और प्राइवेट बैंक में एफडी रेट इसी रेंज में हैं। एक साल, दो साल या फिर पांच साल की एफडी के लिए इसी रेंज में ब्याज दर मिल रही है। छोटे बैंक बड़े बैंकों की तुलना में ज्यादा एफडी रेट ऑफर करते हैं लेकिन इनमें पैसा जमा करना उतना सुरक्षित नहीं माना जाता। वहीं पोस्ट ऑफिस एफडी रिटर्न 5.50% से 6.70% हैं जो कि किसी भी बैंक के मुकाबले थोड़े ज्यादा है।

अगर आप बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज दर चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपोजिट स्कीम ज्यादा बेहतर है। इसमें आपको पांच साल के लिए 6.7 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। वहीं पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपोजिट​​ स्कीम में भी बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। इसमें 5 साल के लिए आपको 5.8​ प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।

आरबीआई ने बदल दिया FD से जुड़ा ये नियम

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियम को लेकर रिजर्व बैंक ऑप इंडिया (आरबीआई) ने अहम बदलाव किया है। एफडी के मैच्योर होने के बाद अब उसपर कम ब्याज मिलेगा। आरबीआई के मुताबिक अगर कोई ग्राहक एफडी के मैच्योर होने के बाद जमा राशि को नहीं निकालता है तो नए नियम के तहत कम ब्याज दिया जाएगा।

आरबीआई ने कहा है कि अगर एफडी का पैसा क्लेम नहीं किया जाता और वह खाते में ही पड़ा रहता है तो ऐसे में ग्राहक को सेविंग अकाउंट की दर से या फिर एक मैच्योर्ड एफडी के मुताबिक ब्याज मिलेगा।आरबीआई ने साफ किया है कि नया नियम कमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा फिक्सड डिपॉजिट पर लागू होगा।