Home Loan: चाहे युवक हों या बुजुर्ग हर एक का घर खरीदने का सपना होता है। युवा लोगों के पास तो कर्ज चुकाने के लिए वक्त होता है, वहीं वरिष्ठ लोग अक्सर होम लोन के लिए अपनी एलिजिबिलिटी के बारे में परेशान रहते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान रिटायर लोगों को होम लोन देते हैं। हालांकि, नियम और शर्तें युवाओं के लिए अलग हो सकती हैं। उम्र, इनकम स्टेबिलिटी और रिपेयमेंट जैसे फेक्टर लोन की एलिजिबिलिटी पर असर डालते हैं। आइए उन सभी पहलूओं के बारे में विस्तार से समझें।

पात्रता मापदंड

होम लोन के लिए आवेदन करते वक्त उम्र एक अहम फैक्टर है। ज्यादातर बैंक युवा लोगों को ज्यादा तवज्जों देते हैं। हालांकि, वरिष्ठ नागरिक अभी भी लोन हासिल कर सकते हैं। आम तौर पर लोन की मैच्युरिटी के समय अधिकतम उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसका मतलब है कि 60 साल वाला व्यक्ति अधिकतम 10 साल की अवधि के लिए लोन हासिल कर सकता है।

बैंक इनकम स्टेबिलिटी का भी आकलन करते हैं। पेंशन इनकम, किराये की आय या फिक्स डिपोजिट से इनकम की एलिजिबिलिटी को बढ़ा सकती है। आवेदकों को रेगुलर इनकम का प्रमाण देना होगा। कुछ बैंक पर्याप्त बचत या निवेश वाले रिटायर्ड लोगों को लोन दे सकते हैं।

लोन टेन्योर और ईएमआई कैलकुलेशन

वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोन टेन्योर आमतौर पर कम होती है। कम अवधि का मतलब है ज्यादा ईएमआई जोखिम को कम करने के लिए बैंक टेन्योर कम कर देते हैं। इसको एक उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश करते हैं। जैसे एक युवा को 20 साल का लोन मिल सकता है, लेकिन एक वरिष्ठ नागरिक को केवल 5-10 साल का लोन मिल सकता है। इससे EMI की राशि पर ज्यादा असर पड़ता है। इसके बाद यह ज्यादा हो जाती है।

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अपनी रिपेमेंट कैपिसिटी की जांच करना अहम है। ज्यादा ईएमआई वित्तिय स्थिति पर दबाव डाल सकती है। अगर ईएमआई वहन करने के योग्य ना लगे तो लोन राशि कम करने के लिए डाउन पेमेंट पर विचार करें।

इंटरेस्ट रेट

वरिष्ठ नागरिकों के लिए होम लोन पर ब्याज दरें आम तौर पर युवाओं के बराबर ही होती हैं। हालांकि, कुछ बैंक पेंशनर्स को रियायती दरें दे सकते हैं। लैंडर्स को आखिरी रूप देने से पहले ब्याज दरों की तुलना करना सही है। ब्याज दरों में एक छोटा सा अंतर भी पूरी रिपेयमेंट पर असर डाल सकता है।

को-एप्लीकेंट और गारंटर

पात्रता बढ़ाने के लिए वरिष्ठ नागरिक एक को एप्लीकेंट को जोड़ सकते हैं। बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘को-एप्लीकेंट आमतौर पर परिवार का कोई सदस्य होता है, जैसे कि पति या पत्नी या बच्चा। स्टेबल इनकम वाले को-एप्लीकेंट को जोड़ने से लोन मंजूरी की संभावना बढ़ सकती है। कुछ बैंक गारंटर की भी मांग कर सकते हैं। गारंटर लैंडर्स के लिए सुरक्षा की एक एडिशनल लेयर देता है।

एलटीवी

लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेसियो किसी संपत्ति की कीमत का वह प्रतिशत दिखाता है जो बैंक उधार देने को तैयार है। शेट्टी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक कम LTV रेसियो की पेशकश कर सकते हैं। इसका मतलब है कि उधार लेने वालों को ज्यादा डाउन पेमेंट देनी होगी। इसको एक उदाहण के जरिये समझने की कोशिश करें तो अगर LTV 70 पर्सेंट हैं तो उधार लेने वालों को 30 पर्सेंट का इंतजाम करना होगा।

रिवर्स मॉर्टगेज ऑप्शन

वरिष्ठ नागरिक जिनके पास घर है, वे रिवर्स मॉर्गेज ऑप्शन का लाभ उठा सकते हैं। नियमित होम लोन के उलट रिवर्स मॉर्गेज में बैंक घर के मालिक को नियमित तौर से एक निश्चित राशि का भुगतान करता है। यह ऑप्शन उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो रिटायरमेंट के दौरान एक स्टेबल इनकम की तलाश में हैं। हालांकि, लोन अमाउंट संपत्ति के बाजार मूल्य पर डिपेंड करता है।

होम लोन के लिए आवेदन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए टिप्स

होम लोन के लिए आवेदन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ आसान टिप्स यह हैं कि यह सुनिश्चित करें कि आप रोजाना के खर्चों से समझौता किए बिना आराम से ईएमआई चुका सकते हैं। इंटरेस्ट रेट को चेक करें, प्रोसेसिंग फीस और बाकी चार्ज की जांच करें। लोन इंश्योरेंस अप्रत्याशित घटनाओं के मामले में आपके परिवार को रिपेमेंट के बोझ से बचाता है। परेशानियों से बचने के लिए कानूनी दस्तावेज वाली संपत्ति का चुनाव करें। वरिष्ठ नागरिक होम लोन ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए सावधानी से प्लानिंग करने की जरूरत है। आयुष्मान योजना का फायदा ले रहे लोगों के लिए नया अपडेट