हैकर्स और धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों ने रेजरपे सॉफ्टवेयर (Razorpay Software) में छेड़छाड़ कर और प्रोसेस में गड़बड़ी कर 7.38 करोड़ रु का फर्जीवाड़ा कर दिया। हैकर्स और धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों ने 831 फेल हुए ट्रांजेक्शन को प्रमाणित करने के लिए सॉफ्टवेयर की ऑथराइजेशन प्रोसेस में छेड़छाड़ कर कंपनी को 7.38 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया। पेमेंट गेटवे कंपनी ने पुलिस को दी शिकायत में यह जानकारी दी है।
रेजरपे (Razorpay) के कानूनी विवाद विभाग के प्रभारी अभिषेक अभिनव आनंद ने कहा कि कंपनी 7.38 करोड़ के 831 लेनदेन का मिलान नहीं कर पाई और इनकी रसीद भी नहीं मिली। शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले में ‘ऑथराइजेशन एंड ऑथेंटिकेशन पार्टनर’ फिसर्व से संपर्क करने पर रेजरपे को बताया गया कि ये लेनदेन विफल हो गए थे और ऑथराइज्ड नहीं थे।
शिकायतकर्ता ने बताया कि फिसर्व से मिली जानकारी के बाद रेजरपे ने आंतरिक जांच कराई तो इस साल 6 मार्च से 13 मई के बीच रेजरपे के 16 मर्चेंट्स के खिलाफ 7,38,36,192 रु के 831 लेनदेन का पता लगाया गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि इन 831 लेनदेन को ऑथेंटिकेशन और ऑथराइजेशन नाकाम होने के कारण फिसर्व द्वारा ‘फेल या असफल’ के रूप में चिह्नित किया गया था।
कंपनी को लगा 7.38 करोड़ का चूना
अभिषेक अभिनव आनंद ने अपनी शिकायत में कहा है, “हालांकि, यह पता चला है कि कुछ अज्ञात हैकर्स और धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों ने ऑथराइजेशन प्रोसेस में छेड़छाड़ किया है।” इस कारण 831 लेनदेन के खिलाफ ‘अप्रूव्ड’ के रूप में फर्जी कम्युनिकेशन रेजरपे सिस्टम को भेजे गए और नतीजन 7,38,36,192 रु का कंपनी को नुकसान हो गया।
शिकायतकर्ता ने पुलिस के साथ साझा की अहम जानकारी
इस फर्जी कम्युनिकेशन के प्राप्त होने पर रेजरपे ने अपने मर्चेंट्स को ऑर्डर के फुलफिलमेंट के लिए कंफर्मेशन भेजा और लेनदेन का हिसाब बराबर करने को कहा। इस संबंध में अभिषेक अभिनव आनंद ने धोखाधड़ी के लेनदेन का डिटेल, तारीख, समय और आईपी अड्रेस के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस के साथ साझा किए हैं।