भारत सरकार अब ट्रेन यात्रियों की तरह ही बस में पर्यटन के लिए जाने वाले सैलानियों के बीमा का भी प्रावधान करेगी। बीमित यात्रियों की सूची में बस के ड्राइवर और कंडक्टर भी शामिल होंगे। वहीं बस आॅपरेटर लग्जरी बसों में सफर करने वाले यात्रियों की इलेक्ट्रॉनिक सूची भी बनाएंगे। सरकार यात्री सुरक्षा के भी कई इंतजाम बसों में अनिवार्य करने वाली है जिनमें बस के भीतर आपातकालीन चेतावनी प्रणाली, जीपीएस ट्रैकिंग उपकरण, फास्ट टैग लगाना आदि शामिल है।
दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित समाचार के अनुसार, भारत सरकार ने देश में एक दशक पुरानी टूरिस्ट बसों को नेशनल परमिट से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दो हफ्ते पहले ही आॅल इंडिया टूरिस्ट व्हीकल परमिट—2018 अधिसूचना में टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट आॅपरेटर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
प्रकाशित खबर के मुताबिक, नई गाइडलाइन लाने का फैसला टूरिस्ट बसों के अनाधिकृत आॅपरेटर्स पर नकेल कसेगा। अनाधिकृत आॅपरेटर्स की बसों में यात्रा करना कई बार यात्रियों के लिए जानलेवा भी साबित हो जाता है। क्योंकि बड़े टूरिस्ट आॅपरेटर्स सुपर लग्जरी बसों के बीमा के लिए सालाना दो से ढाई लाख रुपये तक प्रीमियम देते हैं। सड़क हादसे की स्थिति में मृतक यात्रियों को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार मुआवजा मिलता है। लेकिन अनाधिकृत आॅपरेटर हादसे की स्थिति में पल्ला झाड़ लेते हैं।
खबर के मुताबिक, परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि टूरिस्ट बसों को नेशनल परमिट मिलने से तीर्थयात्रियों को बड़ी सौगात मिलेगी। बॉर्डर पर यात्रियों को नाहक दस्तावेजों की जांच के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। नई अधिसूचना के मुताबिक, बस के भीतर पर्यटकों की सूची हर समय नजर आनी चाहिए। पर्यटक का संपूर्ण विवरण ऑपरेटर्स एक साल तक अपने संभाल कर रखेंगे।
इसके अलावा पर्यटकों की सुरक्षा के लिए बसों में आपात कालानी चेतावनी प्रणाली लगानी होगी। बस में वाहन ट्रैकिंग उपकरण, ऑनलाइन टोल टैक्स देने के लिए फास्ट टैग आदि उपकरण लगाने होंगे। इसमें साधारण टूरिस्ट बस, लग्जरी टूरिस्ट बस (एसी) व सुपर लग्जरी टूरिस्ट बसों (एसी) के प्रत्येक पर्यटक का बीमा अनिवार्य होगा। टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को हर पर्यटक का पूरा विवरण रखना होगा। जैसे पर्यटक कहां से कहां तक यात्रा कर रहा है, कितने पर्यटक स्थलों पर घूमने गया है।