दिनो ब दिन बढ़ती रसोई गैस की कीमतों से अब घर की रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है। रसोई गैस के सिलिंडर की कीमत अब एक हजार रूपये से अधिक हो चुकी है। इस रफ्तार से बढ़ती गैस की कीमतों से हर कोई परेशान है। इससे निजात पाने के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने एक नया विकल्प तैयार किया है। इंडियन ऑयल एक नए गैस चूल्हे पर शोध कर रहा है सौर चूल्हा इसे ‘सूर्य नूतन’ नाम दिया गया है। इस चूल्हे पर उपभोक्ता को सिर्फ एक बार खरीदने के लिए पैसा खर्च करना पड़ेगा इसके रख-रखाव और महीने का कोई अतिरक्त खर्च नहीं होगा।
इंडियन ऑयल के रिसर्च और डेवलपमेंट विंग ने खाना पकाने के लिए सोलर कुकिंग सिस्टम पर शोध कर रहा है। इसके द्वारा विकसित एक नए सोलर सिस्टम से खाना पकाने की तकनीकि पर देश में 60 जगहों पर परीक्षण किया जा रहा है और इसके उपयोग को बहुत जल्दी ही बढ़ाया जा सकता है। सूर्य नूतन नाम के इनडोर सोलर कुकिंग सिस्टम पर एक प्रदर्शनी में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया यह एक क्रांतिकारी कदम है ये पूरे सिस्टम का बदलाव है।
60 जगहों पर चल रहा है ‘सूर्य नूतन’ का ट्रायल
पुरी ने कहा, ‘अगर इस आइडिया को अच्छी तरह से आगे बढ़ाया जाए तो ये व्यवसायिक शोषण को कम कर देगा और अगर ये निजी क्षेत्र में उतार दिया जाए तो इसके जितने ज्यादा उपभोक्ता बनेंगे उतनी ही लागत कम आएगी।’ हरदीप पुरी ने कहा, ‘सूर्य नूतन सोलर सिस्टम का 60 जगहों पर परीक्षण किया जा रहा है। आने वाले 2 से 3 महीनों में बड़े पैमाने पर यह घरेलू रसोई गैस और कॉमर्शियल सिलेंडर की जगह ले सकता है। अगर ये सफल रहा तो इसका उपयोग देश में ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी किया जा सकता है।’
सूरज नहीं निकलने पर बिजली से होगा चार्ज
इंडियन ऑयल ने सोलर कुकिंग सिस्टम का पेटेंट कराया है। इंडियन ऑयल के रिसर्च एवं डेवलपमेंट के निदेशक एसएसवी रामकुमार ने बताया कि इसे रसोई घर के अंदर रखा जा सकता है। इसमें एक थर्मल बैट्री लगी होती है जो सोलर एनर्जी को स्टोर करती है इन्सुलेट सामग्री को गर्मी के नुकसान को कम करने के लिए सावधानी से चुना गया है। उन्होंने आगे बताया जब सूरज नहीं निकलता है तो सिस्टम को इलेक्ट्रिक हीटिंग पर संचालित किया जा सकता है। रामकुमार ने कहा कि कुकटॉप 750 वॉट के सोलर पैनल से जुड़ा है और इसकी दक्षता लगभग 80 फीसदी है।
इस प्रदर्शनी में शामिल अधिकारियों ने बताया कि लेह, लक्षद्वीप, दिल्ली-एनसीआर और उदयपुर में 60 घरों और अन्य संस्थानों में खाना पकाने के इस सिस्टम पर परीक्षण किया जा रहा है। ताकि सिस्टम के उपयोग को बढ़ाने से पहले उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकें।
चार्ज करने के लिए धूप की जरूरत नहीं
न्यूज – 18 के मुताबिक आईओसी के रिसर्च एवं डेवलपमेंट के निदेशक एस एस वी रामकुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह चूल्हा सोलर कुकर से अलग है। क्योंकि इसे धूप में रखने की जरूरत नहीं होती है सूर्य नूतन चूल्हे से 4 सदस्यों के परिवार के लिए तीन समय का भोजन आसानी से बनाया जा सकता है।
कैसे काम करता है सूर्य नूतन चूल्हा
सूर्य नूतन चूल्हे को धूप में रखनी की जरूरत नहीं होती है। यह चूल्हा छत पर लगी सोलर प्लेट से वायर से कनेक्ट रहता है। सोलर प्लेट से जो ऊर्जा होती है वो तार के माध्यम से चूल्हे तक पहुंचती है इसी प्रोसेस सूर्य नूतन चूल्हा जलता है। सोलर प्लेट सौर ऊर्जा को पहले थर्मल बैट्री में स्टोर करता है इसी वजह से ये धूप नहीं होने के दौरान भी काम करता रहता है।
कितनी होगी सूर्य नूतन चूल्हे की कीमत
अभी फिलहाल आईओसी ने इस सौर चूल्हे का प्रारंभिक मॉडल उतारने की योजना बनाई है। इसका कमर्शियल मॉडल अभी नहीं लॉन्च हुआ है। देश में 60 जगहों पर इस चूल्हे का परीक्षण किया जा रहा है। आईओसी ने इसकी कीमत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य नूतन चूल्हे की कीमत 18,000 रुपये से 30,000 रुपये के बीच होगी। हालांकि सरकार इस कीमत पर लोगों को सब्सिडी भी देगी जिसके बाद इस चूल्हे की कीमत आपको 10,000 से 12,000 के बीच होने की संभावना है।