इंटरनेट ने आज हमारी जिंदगी को कई मायनों में बेहद आसान बना दिया है। खाने से लेकर कपड़े तक हम इंटरनेट के जरिए घर बैठे मंगवा रहे हैं। इंटरनेट ने हमारे समय और ऊर्जा की बचत की है लेकिन हमें सतर्क भी रहना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि साइबर ठग हमें ठगने के लिए ताक रहे होते हैं। हमारी एक गलती से वह हसामारा खाता पलभर में खाली कर देते हैं। ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं जिसमें लोग ठगों के फैलाए जाल में फंसकर अपना नुकसान कर बैठते हैं।
साइबर फ्रॉड को फर्जी वेबसाइट ई-मेल के जरिए अंजाम दिया जाता है। ठग फर्जी वेबसाइट और ई-मेल के जरिए लोगों तक पहुंचते हैं और उन्हें लालच देकर पैसा ठग लेते हैं। इनके जरिए ऐसे लुभावने ऑफर दिए जाते हैं जिनका यूजर्स हर हाल में फायदा उठाना चाहते हैं। ऐसे में सबसे जरूरी यह होता है कि यूजर्स ऐसी फर्जी वेबसाइट या ई-मेल को पहचानना सीख लें। इनकी पहचान करना बेहद ही आसान है।
अक्सर देखने को मिलता है कि फर्जी वेबसाइट की स्पेलिंग गलत होती है। या फिर वह वेबसाइट ऑरिजनल वेबसाइट से मिलती-जुलती तो होती है लेकिन उसके यूआरएल में स्पेलिंग को गलत लिखा जाता है।
ठग एक जैसे दिखने वाले लोगो, डोमेन नेम और नकली साइट बनाते हैं इसके लिए सबसे पहले जरूरी है यूआरएल की पहचान करना। अगर वेबसाइट के यूआरएल में https है तो यह एक ओरिजनल वेबसाइट है जबकि http। से शुरू होने वाली वेबसाइट नकली होती है।
वहीं फर्जी ई-मेल को ई-मेल एड्रेस और उसके डिस्प्ले हो रहे यूजर नेम से आसानी से पहचान सकते हैं। अगर इन दोनों में कोई समानता न हो या दोनों अलग-अलग हो तो ऐसे ई-मेल फर्जी होते हैं। वहीं ऐसे ई-मेल जिसपर तुरंत रिस्पांस देने के लिए कहा जा रहा तो वह भी फर्जी ई-मेल हो सकते हैं। इसके साथ ही बिना किसी सोर्स के आपको बड़ा लुभावना ऑफर दिया जा रहा हो।