EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आधार यूएएन लिंकिंग की डेडलाइन को 1 जून से बढ़ाकर 1 सितंबर 2021 कर दिया है। अगर आप अपने यूएएन को आधार से लिंक नहीं करेंगे तो आपको परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नियोक्ता आपके पीएफ खाते में मंथली कंट्रीब्यूशन जमा नहीं कर पाएगा। इसके अलावा आप अपने पीएफ खाते के जरिए लोन या विड्रॉल करने के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
ये है पूरा प्रॉसेस:
1. EPFO की आधिकारिक वेबसाइट http://www.epfindia.gov.in पर लॉग-इन करें
2. ‘Online Services’ पर जाएं
3. ‘e-KYC Portal’ पर जाएं
4. ‘Link UAN Aadhar’ पर क्लिक करें
5. UAN नंबर और UAN अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर को दर्ज करें
6. OTP दर्ज करें
7. अब 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें
8. ‘Proceed to OTP Verification’ पर क्लिक करें
9. अपने आधार डिटेल्स को वेरिफिकेशन करने के लिए एकबार फिर आधार से लिंक मोबाइल नंबर जनरेट करें
10. वेरिफिकेशन के बाद आपका आधार आपके प्रोविडेंट फंड अकाउंट लिंक हो जाएगा।
कोरोना महामारी के इस दौर में इमरजेंसी के वक्त लोगों की कैश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पीएफ के नियम में बदलाव किया गया है। अब ईपीएफओ खाताधारकों को पैसा निकालने के लिए 3 से 7 दिन का इंतजार नहीं करना बल्कि इमरजेंसी में झटपट खाते में पैसा आ जाएगा।
इमरजेंसी के वक्त आपका पैसा आपके काम आ सके इसके लिए नई व्यवस्था की गई है। आप मेडिकल इमरजेंसी के तहत अप्लाई करेंगे तो अब महज 1 घंटे के भीतर पैसा खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। आपको इस नई व्यवस्था का फायदा पाने के लिए सिर्फ खर्च दिखाना होगा कि आपको इमरजेंसी की किस वजह से पैसा निकाल रहे हैं।
इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी के अलावा और भी परिस्थितियों में पैसा क्लेम किया जाता है। नियमों के मुताबिक पीपीएफ अकाउंट का 50 फीसदी 5 साल पूरे होने पर निकाला जा सकता है। वहीं पूरी रकम 15 साल का टाइम पीरियड पूरा होने पर निकाली जा सकती है। यह सुविधा नाबालिगों के अकाउंट पर भी लागू होती है।
यानि की ग्राहकों को पांच साल बाद ही निकासी की अनुमति होती है। पांच साल (अकाउंट खोलने से छठे फाइनेंशियल वर्ष के बाद) निवेश के बाद ग्राहक कुछ रकम निकालने के लिए पात्र माने जाते हैं। वहीं 15 साल की मैच्योरिटी पीरियड के खत्म होने के बाद ग्राहक पांच और साल के लिए खाते में निवेश कर सकते हैं।
यानी मैच्योरिटी पर कोई भी कारण बताकर पूरी राशि की निकासी की जा सकती है। वहीं ध्यान देने वाली बात यह है कि प्री-मैच्योर विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं है। पीपीएफ खाता बंद भी किया जा सकता है। इस खाते को बंद करने की अनुमति खाता खोलने के 5 फाइनेंशियल वर्षों के बाद ही दी जाती है। इसके लिए भी शर्तें हैं जिनके आधार पर ही खाता बंद हो सकता है।