कोरोना संकट के बीच आपके प्रोविडेंट फंड (पीएफ) से जुड़ा एक नियम अगस्त महीने से बदलने जा रहा है। इसका असर सीधा आपकी इन हैंड सैलरी पर होगा। कोरोना संकट के बीच मई महीने में सरकार ने कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन में कटौती की थी। सरकार ने कंट्रीब्यूशन को घटाकर 12 से 10 फीसदी कर दिया था। इस फैसले का फायदा कर्मचारियों को इन हैंड सैलरी में बढ़ोत्तरी के रूप में मिल रहा है।
लेकिन अब ये मियाद खत्म हो रही है। सरकार ने जुलाई महीने तक ही इस व्यवस्था को लागू किया था। अब अगस्त से आपके बेसिक सैलरी में से 12 फीसदी पीएफ कंट्रीब्यूशन की कटौती की जाएगी। सरकार के मुताबिक इससे अबतक इससे करीब 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा पहुंचा।
मान लीजिए अगर किसी की बेसिक सैलरी 15 हजार रुपए है तो उसे बीते तीन महीने के दौरान पीएफ में 1,800 रुपए की बजाय अब 1,500 का कॉन्ट्रिब्यूशन देना पड़ा। इस लिहाज से उसके हर महीने 300 रुपये बचें। पीएफ में जितना कॉन्ट्रिब्यूशन कर्मचारियों का होता है उतना ही एम्प्लॉयर का भी होता है।
देश में कोरोना संकट की शुरुआत से ही 100 से कम कर्मचारियों और 15,000 रुपये तक की सैलरी पाने वाले 90 फीसदी कर्मचारियों वाली कंपनियों के पीएफ को सरकार जमा कर रही है। बता दें कि कोरोना संकट के बीच कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने महामारी के डर से खुद ही नौकरी छोड़ दी है। संकट की इस घड़ी में ऐसे लोगों के पास प्रोविडेंट फंड से निकासी कर रहे हैं। बीते तीन से चार महीनों के दौरान सरकार ने निकासी के नियमों में ढील दी हुई है जिसके बाद से लाखों की संख्या में लोगों ने निकासी की है।