EPFO Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) नियमों के मुताबिक वास्तविक बेसिक और डीए के आधार पर कर्मचारी को पेंशन मिलती है। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले पर सहमति जताते हुए बेसिक सैलरी पर 15,000 रुपये की सीमा को खत्म करने का आदेश जारी किया। केरल सरकार ने निजी कर्मचारियो को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन देने का प्रावधान किया है। ईपीएफओ 15 हजार सैलरी के हिसाब से पेंशन दे रहा था।
EPFO पेंशन की कैलकुलेशन पेंशनएबल सर्विस + 2 साल (बोनस ईयर) को 70 से भाग करना होगा। इसके बाद जो नंबर आएगा उसे अपनी अंतिम पेंशनेबल सैलरी (Basic + DA) से गुणा करना होगा। इसके बाद बाद जो रिजल्ट आएगा वह आपकी पेंशन होगी। उदाहरण के तौर पर अगर किसनी ने 33 साल काम किया है तो इसमें 2 को जमा करने के बाद यह 35 बन जाता है। 35 को 70 से भाग करने के बाद 0.5 का नंबर सामने आता है। इस 0.5 को 50000 (आपकी अंतिम पेंशनेबल सैलरी) से गुणा कर दीजिए। यानि का आपको कुल 25000 रुपए सैलरी मिलेगी। आपकी पेंशन का आंकड़ा आपकी सर्विसे के वर्ष और आपकी अंतिम सैलरी पर निर्भर करता है।
अधिक पेंशन कैसे पाएं: कर्मचारियों के पास ज्यादा पेंशन के लिए ईपीएस में ज्यादा जमा करने का विकल्प है। ज्यादा पेंशन पाने के इच्छुक कर्मचारियों को अपनी ईपीएफ की रकम को ईपीएस की तरफ मोड़ना होगा। कर्मचारियों के बेसिक वेतन का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में जाता है और 12 फीसदी उसके नाम से नियोक्ता जमा करता है।
कंपनी की 12 फीसदी हिस्सेदारी में 8.33 फीसदा हिस्सा पेंशन फंड में जाता है और बाकी 3.66 पीएफ में। अब इसकी सीमा भी बढ़ा दी गई है। यानि की कर्मचारी ईपीएफ से ईपीएस की तरफ मोढ़कर पेंशन में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
पेंशन पर नए टैक्स कानून लागू होंगे या नहीं: नियमों के मुताबिक 5 लाख से अधिक सैलरी वालों पर पेंशन पर टैक्स कानून लागू होंगे जबकि इससे कम आय वालों की रिटायरमेंट के बाद पेंशन पर टैक्स कानून लागू नहीं होंगे।