यदि आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य हैं और आप ईपीएफ में अंशदान करते हैं तो आपको इस खाते से संबंधित महत्वपूर्ण बातों की जानकारी रखना काफी अहम है। उदाहरण के लिए यदि आप अपनी एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी जॉइन करते हैं तो आपको अपना पुराने पीएफ खाते की जमा राशि को नए पीएफ खाते में ट्रांसफर कराना जरूरी है।
ऐसा नहीं होने की सूरत में आपको अपने पुराने पीएफ खाते में जमा राशि पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है। अक्सर देखने में आता है कि कई लोग अपनी नौकरी छोड़ने के बाद भी ईपीएफ में अंशदान जारी रखते हैं। भले ही वे लोग नौकरी में न हों लेकिन उनका अकाउंट एक्टिव रहता है। इस खाते पर ब्याज मिलता रहता है। ऐसे मामले में ब्याज की यह राशि टैक्सेबल होती है।
इससे पहले ईपीएफओ ने पीएफ की राशि निकालने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। संगठन की तरफ से इसके लिए एक पेज का फॉर्म जारी किया है। इस के तहत कर्मचारी ने यदि अपना आधार नंबर और बैंक डिटेल अपने खाते से जुड़वा रखा है तो वह डायरेक्ट ही फॉर्म भरने के बाद इसे ईपीएफओ कार्यालय में जमा करवा सकता है। इसके लिए उसे अपने पिछले नियोक्ता की तरफ से किसी भी तरह से प्रमाणित कराने की जरूरत भी नहीं होगी।
जरूरत के आधार पर निकाल सकते हैं पैसाः यदि आप अपने पीएफ से आंशिक राशि निकालना चाहते हैं तो यह भी आसानी से निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको एक पेज का फॉर्म भरने की आवश्यकता है। पीएफ से पैसा मेडिकल खर्च, घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई या शादी जैसी विशेष जरूरत की स्थिति में निकाला जा सकता है।
पीएफ अकाउंट की खास बात है कि यदि आपने इसमें पांच साल से अधिक समय तक अंशदान कर दिया है तो पैसे निकालने के समय यह राशि टैक्सेबल नहीं होगी। यदि आप यह राशि पांच साल से पहले निकालते हैं तो आपको इस राशि पर टैक्स देना पड़ सकता है।