ईपीएफओ की तरफ से प्रोविडेंट फंड (PF) की ब्याज दरों में इजाफा करने का मन बनाया जा रहा है जिसके बाद कर्मचारियों को पीएफ फंड बढ़कर मिलेगा फिलहाल प्रोविडेंट फंड (PF) पर ब्याज दर 8.65 प्रतिशत है। आपको यह जानकारी तो होगी ही कि आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा प्रोविडेंट फंड में जाता है और कंपनी की तरफ से भी 12 फीसदी मिलता है। जिसमें 8.33 फीसदी आपके पेंशन स्कीम (EPS) अकाउंट में और बाकी 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है। इन फायदों के इतर और कई ऐसे फायदे हैं जो पीएफ खाता धारकों को मिलता है।

इंश्योरेंस: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपको स्वतः बीमा मिलता है। EDLI (एंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस) योजना के अंतर्गत आपके पीएफ खाते पर 6 लाख रुपए तक इंश्योरेंस मिलता है जिसकी लमसम राशि मिलती है। इसका फायदा किसी दुर्घटना, बीमारी या मृत्यु के समय मिलता है।

रिटायरमेंट के बाद पेंशन: क्या आपको मालूम है कि पीएफ खाता धारकों को एक शर्त पर पेंशन भी मिलता है। दरअसल एंप्लॉई पेंशन स्कीम 1995 के तहत अगर कोई खाताधारक लगातार 10 साल नौकरी में रहता है और उसके खाते में लगातार एक राशि जमा होती रहती है उसे रिटायरमेंट के बाद एक हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलता रहेगा।

कब निकाल सकते हैं पैसा: विशेष परिस्थितियों में पीएफ का पैसा निकालने के लिए खाताधारकों को एक निश्चित समय तक ईपीएफओ का सदस्य होना जरूरी है। आप कुछ स्थितियों में अपने पीएफ खाते से पैसा निकाल सकते हैं। ध्यान रहे कि इस दौरान आप एक निश्चित रकम ही निकाल सकते हैं। मकान खरीदने या बनाने के लिए, मकान के लोन रीपेमेंट के लिए, बीमारी में, बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए, लड़की की शादी के लिए ऐसी परिस्थितियों में आप पीएफ के पैसे निकाल सकते हैं।

निष्क्रिय खातों पर भी मिलेगा ब्याज: अब ऐसे खातों पर भी ब्याज मिलेगा जो निष्क्रिय पड़ा हो। 3 साल से ज्यादा समय तक निष्क्रिय पड़े हों खातों पर ब्याज मिलेगा। बता दें कि तीन साल तक जिन खातों से कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है उसे निष्क्रिया खाते की कैटेगरी में डाल दिया जाता है। नौकरी बदलते समय ही अपना पीएफ ट्रांसफर करा लें। इससे आपकी नियमित राशि पर ब्याज मिलेगा। ऐसा नहीं करने पर और पांच साल से अधिक समय तक खाता निष्क्रिय रहने की स्थिति में (निकासी) के समय आपको टैक्स देना पड़ेगा।

खुद ब खुद ट्रांस्फर हो जाएगा पीएफ खाता: ईपीएफो ने हाल ही में एक नया फॉर्म-11 जारी किया है, जिससे आपका पिछला खाता नए खाते में खुद ही ट्रांसफर हो जाएगा। आधार से लिंक आपके यूएएन (यूनीक नंबर) नंबर के जरिए आप अपने एक से अधिक पीएफ खातों (नौकरी बदलने की स्थिति में) को एक ही जगह रख सकते हैं। अब आपको पैसे को क्लेम करने के लिए फॉर्म-13 भरने की जरूरत नहीं होगी।