डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) और केबल के जरिए ग्राहक अपने टेलिवीजन पर कई तरह के चैनलों को एक्सेस कर सकते हैं। डीटीएच ब्रॉडकास्टर को सीधे उपभोक्ता के संपर्क में रखता है। इस नई टेक्नॉलजी ने लोगों के टीवी देखने के अनुभव को बदला है। ग्राहकों को इसके जरिए एचडी चैनल भी मुहैया करवाए जाते हैं।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की कोशिशों की वजह से डीटीएच इंडस्ट्री में कई बदलाव हुए हैं। डीटीएच कंपनियां ग्राहकों को क्या सहुलियतें देंगी और क्या-क्या फायदा देंगी इसके लिए ट्राई ने नियम बनाए हुए हैं। अक्सर देखा गया है कि उपभोक्ता जानकारी के अभाव में डीटीएच से जुड़ी कई सर्विस का फायदा नहीं उठा पाते। ऐसे में हम आपको डीटीएच से जुड़े नियमों के बारे में बता रहे हैं।
1. नियम बनाया गया कि उपभोक्ता जितने चैनल देखना चाहते हैं, उतने ही चैनलों के लिए पैसे देने होंगे
2. केबल टीवी ऑपरेटर और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर को उपभोक्ताओं की किसी समस्या को दूर करने के लिए तैयार रहना होता है
3. टीवी कनेक्शन में किसी तरह की गड़बड़ी पर डीटीएच कंपनियों के कॉल सेंटर का प्रावधान होता है
4. यदि कनेक्शन से संबंधित गड़बड़ी को 72 घंटे के भीतर ठीक नहीं किया जाता है तो उपभोक्ताओं को पैसे देने की जरूरत नहीं होगी
5. डीटीएच कंपनियां ग्राहकों को चैनल चुनने पर दबाव नहीं बना सकती।
मालूम हो कि डीटीएच महंगा जरूर है लेकिन बेहतर सिग्नल क्वालिटी के चलते लोगों की पसंद बनता जा रहा है। ऐसें डीटीएच कंपनियां ग्राहकों को बेहतरीन एक्सपीरिसंस देने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा में रहती है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को होता है।