स्मार्टफोन्स ने आज हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। बैंकिंग के कामकाज हों या फिर दोस्तों से बातचीत, ऑफिस वर्क हो या फिर फोटोग्राफी, स्मार्टफोन के जरिए इन सब से जुड़े काम आसानी से हो जाते हैं। स्मार्टफोन इस्तेमाल करते वक्त हमें कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
अक्सर देखा गया है कि लोग फर्जी मोबाइल एप्स के चंगुल में फंसकर खुद का भारी आर्थिक नुकसान करवा बैठते हैं। ऐसे में फर्जी मोबाइल से बचने और असली एप्स को ही मोबाइल में इंस्टॉल करने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने भी फर्जी मोबाइल एप्स को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
सरकार ने अपने साइबर जागरूकता ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त पर जानकारी दी है कि इंटरनेट पर कुछ यूआरएल लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर एप उपलब्ध हैं। ऐसे एप फर्जी हो सकते हैं। अपने मोबाइल पर इस तरह के फर्जी ऑक्सीमीटर एप डाउनलोड न करें, क्योंकि ये एप आपके मोबाइल फोन से आपके व्यक्तिगत या बायोमेट्रिक डेटा को चुरा सकते हैं।
बता दें कि कोरोना काल में ऑक्सीमीटर एप का चलन बढ़ा है। हाल में गूगल ने 23 एसी एप्स की पहचान की हैं जो कि यूजर्स के खाते में सेंध लगाने का काम रही थीं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि यूजर्स को भी पहले से यह पता रहे कि वे कौन सी एप्स को इंस्टॉल कर इस्तेमाल करें और कौन सी एप्स को नहीं।
जब भी यूजर्स गूगल प्ले स्टोर पर किसी एप को सर्च करते हैं तो उसके नाम की कई एप्स की भरमार मिलती है। ऐसे में यूजर्स कन्फ्यूजन हो जाते हैं और फर्जी वेबसाइट को डाउनलोड कर लेते हैं। इससे बचने के लिए आप हमेशा एप का डिस्क्रिप्शन पढ़े और फिर डाउनलोड करें। हमेशा एप्स के आइकन पर खासा ध्यान दें। डाउनलोड काउंट भी कम होने पर इसकी पूरी संभावना होती है कि एप फर्जी हो।