Employees’ Provident Fund Organisation relief for employers: कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते कई कंपनियों का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कंपनियों को राहत देते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने फैसला किया है कि पीएफ फंड के भुगतान में देरी के बावजूद अब कंपनियों से जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। इसके साथ ही ईपीएफओ ने यह भी घोषणा की है कि केंद्र सरकार की ओर से पीएफ कंट्रीब्यूशन में करने से मिलने वाला लाभ कंपनियों को मिलेगा।
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि ‘लॉकडाउन के दौरान किसी भी अवधि के लिए योगदान या प्रशासनिक शुल्क के समय पर जमा करने पर कंपनियों को मुश्किलों का सामना कर रही है। ऐसे में इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ ने फैसला किया है कि ऑपरेशनल या इकॉनमिक कारणों से होने वाली देरी को डिफॉल्ट कैटिगरी में नहीं गिना जाएगा और कंपनी को किसी तरह का जुर्माना नहीं भरना होगा। लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण कंपनियां अपना योगदान नहीं दे पा रही हैं।’
बता दें कि सरकार ने 3 महीने के लिए एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर के लिए पीएफ योगदान की दर घटा दी है। पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन 12 की जगह 10 प्रतिशत किया गया है। इससे टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी और कंपनियों के हाथ भी एक्स्ट्रा पैसा लगेगा।
सरकार ने 15,000 रुपये से अधिक सैलरी वाले कर्मचारियों के पीएफ में हर महीने जमा होने वाले हिस्से को तीन माह के लिए घटा दिया है और उसे एंप्लॉयीज के लिए फायदेमंद बताया है। मालूम हो कि इससे पहले सरकार ने पीएफ एडवांस निकासी के लिए भी नियमों में ढील दी थी जिसका लाखों कर्मचारी फायदा उठा चुके हैं।