केंद्र की मोदी सरकार ने दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारकों को बड़ी सौगात देते हुए डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इस एक ऐलान के बाद इन सरकारी कर्मचारियों को जो भी सैलरी मिलती है, उसमें सीधे-सीधे इजाफा हो जाएगा। अब हर साल सरकार की तरफ से ये ऐलान हो जाता है, हर बार ये सरकारी कर्मचारी झूमने लगते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि आखिर ये डीए होता क्या है? इसके बढ़ने से किसी की सैलरी कैसे बढ़ जाती है?
अब इन सभी सवालों के जवाब सरल भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सबसे पहले ये जान लीजिए इस बार केंद्र सरकार ने डीए चार फीसदी तक बढ़ा दिया है। अभी तक ये 42 फीसदी चल रहा था, यानी कि अब ये 46 प्रतिशत कर दिया गया है। इस फैसले से 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। डीए बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होगी।
अब उस सवाल पर आते हैं कि ये डीए होता है क्या है। डीए को अंग्रेजी में Dearness Allowance कहते हैं, हिंदी में कई बार लोग इसे महंगाई भत्ता भी बताते हैं। महंगाई भत्ते से ही इस पूरे गणित को ज्यादा आसानी से समझा जा सकता है। असल में महंगाई की दर जितनी ज्यादा होती है, आपने रुपये की वैल्यू उतनी ही गिर जाती है। यानी कि अगर आपनी सैलरी बढ़ने की स्पीड महंगाई दर से मैच नहीं करती है, या कहें कि कम रहती है, इसका साफ मतलब ये होता है कि आपकी कमाई कम होती जा रही है।
इसी तरह अगर आप निवेश करने के शौकीन हैं या सेविंग्स पर ज्यादा जोर देते हैं, तब भी महंगाई के अनुरूप उसका रहना जरूरी रहता है। इसे ऐसे समझिए अगर आपको अपने निवेश पर जो ब्याज मिल रहा है, वो महंगाई दर से कम है, समझ जाइए आप नुकसान में चल रहे हैं और जो पैसे आप निवेश में लगा रहे हैं, असल में वो कम होते जा रहे हैं। अब ये तो महंगाई का पूरा गणित है, सरकार इसे समझती है, सरकारी कर्मचारी इसे समझते हैं, लेकिन सवाल ये है कि आखिर इससे राहत कैसे मिलेगी?
अब इस राहत का नाम ही महंगाई भत्ता है, अंग्रेजी में बोले तो डीए का बढ़ना। साल में दो बार डीए को बढ़ाया जाता है, ऑल-इंडिया सीपीआई डेटा यानी एआईसीपीआई इंडेक्स (All India Consumer Price Index) की दरों को ध्यान में रखकर ही इस कोई भी फैसला लिया जाता है। डीए बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में इजाफे की बात करें तो, अगर सरकार किसी केंद्रीय कर्मचारी को 18,000 रुपये बेसिक-पे मिलता है, तो कर्मचारी का महंगाई भत्ता फिलहाल 42 फीसदी के हिसाब से 7,560 रुपये होता है, वहीं इसमें चार फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अगर 46 फीसदी के हिसाब से गणना करें तो ये बढ़कर 8,280 रुपये हो जाएगा। यानी उसके हाथ में आने वाले वेतन में सीधे तौर पर 720 रुपये का इजाफा देखने को मिलेगा।